बिहार में अब शिक्षक बोरा के साथ-साथ रद्दी भी बेचेंगे, शिक्षा विभाग ने आदेश भी किया जारी

पटना

DESK : बिहार में अब शिक्षक बोरा के साथ-साथ रद्दी भी बचेंगे। शिक्षा विभाग ने इस सिलसिले में आदेश भी जारी कर दिया है। दरअसल, प्राथमिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान सुपौल के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने इसको लेकर आदेश जारी किया है। मिड-डे मील के चावल के बोरे का रेट तय होने के बाद अब स्कूलों में रखे कबाड़ का भी रेट तय कर दिया गया है। जिले के सभी मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के सभी प्रिंसिपल और प्रभारी प्रधानाध्यापक को पत्र भेजकर स्कूलों के रद्दी और कबाड़ का निर्धारित रेट की जानकारी दी गई है।

गौरतलब है कि अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा जिम्मेदारी संभालने के बाद से ही शिक्षा विभाग सुर्खियों में हैं। स्कूलों में व्याप्त कुव्यवस्था को ठीक करने के लिए वे लगातार प्रयास कर रहे हैं लिहाजा उनके द्वारा जारी किए गये आदेश की काफी चर्चा होती रहती है।

शिक्षा विभाग के बोरा बेचने के आदेश के बाद स्कूलों के कबाड़ को बेचने का आदेश भी जारी किया गया है। केके पाठक के आदेश का हवाला देते हुए बांका के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कबाड़ बेचने को लेकर आदेश जारी किया था। अब सुपौल में भी रद्दी बेचने का आदेश जारी किया गया है।

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि स्कूलों में पड़े अनुपयोगी सामान, कार्यालय उपस्कर, पुराने कंप्यूटर, फर्नीचर आदि की नीलामी के लिए सामग्री की सूची उलपब्ध करायी गयी है। प्राप्त सूची के आधार पर नीलामी के लिए सामग्रियों का दर कनीय अभियंता और अभियंताओं से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर निर्धारित की जाती है।

शिक्षा विभाग के आदेश के मुताबिक लकड़ी के सामान – 6 रुपया प्रतिकिलो, लोहे एवं चदरा – 20 रुपए प्रतिकिलो, प्लास्टिक सामग्री- 8 रुपए प्रतिकिलो, अनुपयोगी पेपर-कार्टन-बोरा – 7 रुपए प्रतिकिलो, पुराने जेनरेटर- लोहे-चदरे के दर से या वास्तविक स्थानीय बाजार मूल्य जिसपर बिक्री संभव हो।

वहीं, इनवर्टर/पुराने कंप्यूटर/ बिजली के अन्य सामान – 40-50 रुपए प्रतिकिलो या स्थानीय बाजार दर, पुराने पंखे – 100 रुप प्रति पीस या स्थानीय बाजार दर, पुरानी बैट्री(150AMP) के ऊपर- दो हजार से तीन हजार रुपए प्रति पीस, पुरानी बैट्री(150AMP) के नीचे- 300-700 रुपए प्रति पीस और मध्याह्न भोजन संबंधी पुराने बर्तन- स्टील 20 रुपए और एल्युमिनियम के बर्तन खरीदे गए दर के 50 फीसदी दर से बेचना होगा। कबाड़ बेचने के बाद प्राप्त पैसों को शिक्षक स्कूल के कोष में जमा कराएंगे और इसकी जानकारी कार्यालय को देंगे।