डेस्क। पटना में बढ़ती ठण्ड को देखते हुए पटना जू में वन्यजीवों के रख-रखाव हेतु किये जा रहे क्रिया-कलापों के निरीक्षण हेतु डॉ० प्रेम कुमार, मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार के द्वारा दिनांक 09-01-2025 को पटना जू के वन्यजीवों के इंक्लोजरों का निरीक्षण किया गया। उनके द्वारा हूलॉक गिब्बन, टाईगर, पक्षी केज, चितल, जेबरा, जिराफ, हाथी एवं स्मॉल कैट इंक्लोजर का निरीक्षण किया एवं जू पदाधिकारियों को आवश्यक निदेश दिए।
निरीक्षण के क्रम में निदेशक, संजय गाँधी जैविक उद्यान, पटना द्वारा माननीय मंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार को विगत वर्षों से चल रहे प्रचलित व्यवस्था के आलोक में ठण्ड के मौसम में वन्यजीवों के ठण्ड से बचाव हेतु एहतियातन तौर पर किये गये सभी कार्यों की जानकारी दी गयी।
उनके द्वारा बताया गया कि सभी इंक्लोजरों में वन्यजीवों के ठण्ड से बचाव हेतु सभी कार्य माह अक्टूबर, 2024 से ही प्रारंभ किये गये है। जिसमें सभी वन्यजीवों के नाईट हाउस के खिड़की एवं अन्य वेंटिलेशन की खुली जगह फुस घास एवं बाँस की चचरी से बंद किये गये है ताकि शीतलहर में नाईट हाउस में बैठे वन्यजीवों को ठण्ड ना लगे।
सभी नाईट हाउस के सेल में वन्यजीवों को बैठने के लिए लकड़ी के प्लेटफार्म रखे गये है ताकि वन्यजीव को जमीन से ठण्ड न लगे। नाईट हाउस में ऑयल हीटर लगाये गये है ताकि नाईट हाउस का सामान्य तापमान बना रहे। प्राइमेट्स प्रजाति के वन्यजीव जैसे बंदर, लंगूर, चिपाजी, हूलॉक गिब्बन, लॉयन टेल मकाक इत्यादि वन्यजीवों को कंबल दिये गये है।
सरीसृप प्रजाति के वन्यजीव जैसे अजगर, कोबरा, वाइपर, धामीन इत्यादि वन्यजीवों के सेल में फर्श पर कंबल बिछाए गये है। साथ ही इनके सेल में सामान्य तापमान बनाए रखने हेतु बल्ब लगाये गये है। शाकाहारी वन्यजीवों के लिए उनके इंक्लोजर के शेड में पुआल का बेड बनाया गया है एवं पूर्वी एवं पश्चिमी ठण्डी शीतलहर से बचने के लिए फुस घास एवं बॉस की चचरी से घेरान किया गया है।
शीतलहर के दौरान हाथी के पूरे शरीर को नियमित अंतराल पर सरसों तेल की मालिश की जा रही है एवं आहार में पर्याप्त गन्ना, सोयाबिन, भौसमी फल एवं धान उबाल कर दिया जा रहा है। वन्यजीवों को कैल्शियम एवं मल्टीविटामीन की दवाईयाँ दी जा रही है। प्रत्येक वर्ष की भाँति मासाहारी वन्यजीवों के आहार में बढ़ोतरी की गयी है।
चिपांजी को च्यवनप्राश, शहद, गुड़ की खीर, आँवला का मरब्बा एवं मौसमी फल दिये जा रहे है। भालू को आहार में मौसमी फल, शहद, अण्डा, गुड़ की खीर, गन्ना इत्यादि दिये जा रहे है। पक्षियों के इंक्लोजर में शीतलहर से बचने के लिए प्लास्टिक शीट्स एवं एगरोनेट से घेरान किये गये है ताकि आवश्यक प्रकाश एवं वेंटिलेशन बना रहे। शीतलहर से बचाव हेतु जेबरा एवं जिराफ इंक्लोजर के नाईट-हाउस तथा प्रदर्श क्षेत्र में पुआल बिछाये गये है।
माननीय मंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार के द्वारा वन्यजीवों के ठण्ड से बचाव हेतु सभी आवश्यक कार्य प्राथमिकता पर करने का निदेश निदेशक, संजय गाँधी जैविक उद्यान, पटना को दिया गया।
ठण्ड के मौसम में वन्यजीवों के ठण्ड से बचाव हेतु संजय गाँधी जैविक उद्यान, पटना में किये जा रहे प्रबंधन क्रिया-कलापों की विवरणी
ठण्ड के मौसम में वन्यजीवों के ठण्ड से बचाव हेतु एहतियातन तौर पर संजय गाँधी जैविक उद्यान, पटना के स्वास्थ्य सलाहकार समिति की बैठकों में दिये गये सलाह एवं विगत वर्षों से चल रहे प्रचलित व्यवस्था के आलोक में माह अक्टूबर, 2024 से ही निम्नवत् प्रबंधन कार्य प्रारंभ किये गये हैः-
- सभी वन्यजीवों के नाईट हाउस के खिड़की एवं अन्य वेंटिलेशन की खुली जगह फुस घास एवं बाँस की चचरी से बंद किये गये है ताकि शीतलहर में नाईट हाउस में बैठे वन्यजीवों को ठण्ड ना लगे।
- सभी नाईट हाउस के सेल में वन्यजीवों को बैठने के लिए लकड़ी के प्लेटफार्म रखे गये है ताकि वन्यजीव को जमीन से ठण्ड न लगे।
- नाईट हाउस में ऑयल हीटर लगाये गये है ताकि नाईट हाउस का सामान्य तापमान बना रहे।
- प्राइमेट्स प्रजाति के वन्यजीव जैसे बंदर, लंगूर, चिपांजी, हूलॉक गिब्बन, लॉयन टेल मकाक इत्यादि वन्यजीवों को कंबल दिये गये है।
- सरीसृप प्रजाति के वन्यजीव जैसे अजगर, कोबरा, वाइपर, धामीन इत्यादि वन्यजीवों के सेल में फर्श पर कंबल बिछाए गये हैं। साथ ही इनके सेल में सामान्य तापमान बनाए रखने हेतु बल्ब लगाये गये है।
- शाकाहारी वन्यजीयों के लिए उनके इंक्लोजर के शेड में पुआल का बेड बनाया गया है एवं पूर्वी एवं पश्चिमी ठण्डी शीतलहर से बचने के लिए फुस घास एवं बॉस की चचरी से घेरान किया गया है।
- शीतलहर के दौरान हाथी के पूरे शरीर को नियमित अंतराल पर सरसों तेल की मालिश की जा रही है एवं आहार में पर्याप्त गन्ना, सोयाबिन, मौसमी फल एवं धान उबाल कर दिया जा रहा है।
- वन्यजीवों को कैल्शियम एवं मल्टीविटामीन की दवाईयों दी जा रही है।
- प्रत्येक वर्ष की भाँति मांसाहारी वन्यजीवों के आहार में बढ़ोतरी की गयी है।
- चिपांजी को च्यवनप्राश, शहद, गुड़ की खीर, आँवला का मरब्बा एवं मौसमी फल दिये जा रहे है।
- भालू को आहार में मौसमी फल, शहद, अण्डा, गुड़ की खीर, गन्ना इत्यादि दिये जा रहे है।
- पक्षियों के इंक्लोजर में शीतलहर से बचने के लिए प्लास्टिक शीट्स एवं एगरोनेट से घेरान किये गये है ताकि आवश्यक प्रकाश एवं वेंटिलेशन बना रहे।
- शीतलहर से बचाव हेतु जेबरा एवं जिराफ इंक्लोजर के नाईट हाउस तथा प्रदर्श क्षेत्र में पुआल बिछाये गये है।
- वन्यजीवों पर 24 घंटे लगातार निगरानी में रखा गया है। प्रभावी निगरानी हेतु सभी कर्मियों को विन्टर जैकेट का वितरण किया गया है।