अशोक “अश्क” किउल-हावड़ा रेलखंड पर गुरुवार की रात एक गंभीर घटना हुई, जब शरारती तत्वों ने झाझा से सटे रानीकुरा गांव के समीप रेलवे ट्रैक को काट दिया। यह घटना काफी खतरनाक थी, लेकिन गनीमत रही कि ट्रैकमैन की सतर्कता के कारण बड़ा हादसा टल गया। उन्होंने समय रहते इस घटना को देख लिया और अधिकारियों को सूचित किया, जिससे एक बड़े रेल हादसे से बचाव हुआ। शरारती तत्वों ने अप लाइन की रेल पटरी को आरी ब्लेड से काटा था।

यदि यह पटरी दूसरी दिशा से भी काटी जाती, तो एक भीषण रेल दुर्घटना हो सकती थी, जिसमें भारी जानमाल की क्षति हो सकती थी। ट्रैकमैन दिलीप कुमार और राहुल कुमार रात के समय रेलवे लाइन की पेट्रोलिंग कर रहे थे, तभी उनकी नजरें कटे हुए ट्रैक पर पड़ी। उन्होंने तुरंत पीडब्लूआई के अधिकारियों को सूचित किया। इसके बाद पीडब्लूआई ने स्टेशन मास्टर, आरपीएफ और जीआरपी को जानकारी दी और एआरटी भान के साथ अधिकारियों की टीम मौके पर रवाना हुई।
घटना की सूचना मिलते ही रेल परिचालन को रोक दिया गया। लगभग एक घंटे तक अप लाइन पर परिचालन बाधित रहा, जिससे ट्रेनें झाझा स्टेशन पर रोकी गई। 18603 अप वनांचल एक्सप्रेस को झाझा स्टेशन पर ही रोकना पड़ा, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। इसके बाद पीडब्लूआई ने ट्रैक को ठीक करने का काम शुरू किया और लगभग एक घंटे में कटे हुए ट्रैक को डबल सीट डिस लगाकर 30 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेन परिचालन शुरू कर दिया।
इस घटना के बाद रेल प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए पूरी जांच शुरू कर दी। फिलहाल इस मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है, लेकिन रेल प्रशासन ने इस कृत्य को ट्रेन दुर्घटना की नीयत से किए गए कृत्य के रूप में देखा है। रेल थानाध्यक्ष बृंद कुमार और आरपीएफ इंस्पेक्टर अनिता कुमारी ने मामले की जांच करने की बात कही है।
ट्रैफिक निरीक्षक रवि गुप्ता ने भी इस मामले में कहा कि यह घटना जानबूझकर ट्रेन दुर्घटना करने की कोशिश में की गई थी। इस घटना ने एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था की अहमियत को उजागर किया है।
हालांकि, समय रहते ट्रैकमैन की सजगता ने एक बड़े हादसे को टाल दिया, लेकिन यह घटना रेलवे प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि सुरक्षा के मामले में और सख्ती बरतने की जरूरत है। रेलवे अधिकारियों ने इस घटना की जांच के बाद शरारती तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।