पटना / राजन द्विवेदी। भारत सरकार ने जन नायक कर्पूरी ठाकुर को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला लेकर वंचित समाज के साथ न्याय किया है। इस निर्णय से बिहारियों की वर्षों से लंबित मांग पूरी हो गई है। जन सुराज परिवार भारत सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करता है।
उक्त जानकारी देते हुए जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने कहा है कि जन सुराज के संस्थापक और पदयात्रा अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा है कि जन नायक कर्पूरी ठाकुर बिहार की राजनीति में ईमानदारी, सुचिता, शुद्धता, नैतिकता के स्थापित मानदंड थे और वे सदैव गरीबों, वंचितों और मजलूमों के बेहतर जीवन के लिए संघर्षरत रहे।
बिहार में राजनीति करने वालों के लिए उनकी जीवनी प्रेरणा के श्रोत सदैव बने रहेंगे तथा उनकी प्रासंगिकता आज के बिहार के लिए और अधिक बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि मगर दुर्भाग्य है कि कर्पूरी जी के चेलों ने पिछले बत्तीस वर्षों से शासन पर काबिज रहते हुए भी उनके जीवनशैली और रहन -सहन व आचरण को नहीं स्वीकार किया और सत्ता का उपयोग भ्रष्टाचार, परिवार वाद और जात- पात कर समाज को बांटने में किया।
इस कारण आज़ भी वंचित समाज अशिक्षा, बेरोज़गारी और पलायन का सबसे ज्यादा शिकार हैं। प्रशांत किशोर ने कहा है कि कर्पूरी ठाकुर जी की सोंच को जमीन पर ईमानदारी से उतारना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी और जन सुराज इस अभियान में सक्रिय हैं।
प्रदेश मुख्य प्रवक्ता श्री ठाकुर ने कहा है कि जन सुराज के प्रणेता प्रशांत किशोर जी महात्मा गांधी के विचारों और कर्पूरी ठाकुर की सोंच को जमीन पर उतारने और जन – जन तक पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे है तथा प्रशांत किशोर जी की गांवों में जारी पदयात्रा उसकी एक कड़ी है।
बिहार में कर्पूरी ठाकुर के सपनों के अनुसार लोकतंत्र और ईमानदार राजनीति की स्थापना कर जनता का सुन्दर राज स्थापित करना ही जन सुराज का मकसद है।