जीतन राम मांझी ने भारत बंद के प्रदर्शनकारियों को बताया स्वार्थी, सुप्रीम कोर्ट को दिया धन्यवाद

पटना

विपिन कुमार। सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी के आरक्षण में कोटे के अंदर कोटा लागू करने की बात कही थी. इसको लेकर आज (21 अगस्त) भारत बंद का आवाह्न किया गया था. देश भर में इसको लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया. कई राजनीतिक दलों ने इसका समर्थन किया है. वहीं, ‘हम’ संरक्षक व केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भारत बंद को लेकर प्रदर्शनकारियों को स्वार्थी बताया है.

उन्होंने कहा कि भारत बंद का आवाह्न करने वाले लोग स्वार्थी तत्व हैं. स्वार्थी तत्व इसलिए कह रहा हूं क्योंकि वह मेरे बड़े भाई हैं छोटे भाई की प्रगति नहीं हो, ये भारत बंद करने वाले लोग चाहते हैं. ये बंद करने वाले लोग चाहते हैं कि 100 में 100 का लाभ हम लोग ले.

जीतन राम मांझी ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देते हैं कि समय की जरूरत को देखकर उन्होंने एससी-एसटी में वर्गीकरण की बात की. आगे उन्होंने कहा कि जिन घरों में चार भाई होते हैं जब उन लोगों में आपस में नहीं पटता तो वो आपस में संसाधनों का बंटवारा कर लेते हैं और गोतिया के रूप में बढ़िया से रहते हैं.

उसी प्रकार से सारी बातें सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि वर्गीकरण होना चाहिए जिससे वह समाज जो 76 साल की आजादी के बाद भी आज उसका विकास नहीं हो सका है उसके लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 76 वर्षों में जो शेड्यूल कास्ट आरक्षण का लाभ लेकर डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस, आईपीएस, फॉरेन सर्विसेज में राजदूत बने, एमएलए बने, पार्लियामेंट के मेंबर बनकर लाभ लिया है यह आंकड़ा 90% से ज्यादा का है.

शेड्यूल कास्ट का जो भी लाभ है उसका 90% हिस्सा 4 से 5 जातियों ने ले लिया है बाकी 18 परसेंट जो जातियां हैं वह आज हाशिये पर हैं. इनमें से 5 से 7 प्रतिशत जातियों को लाभ मिल सका है इसीलिए यह न्याय नहीं अन्याय हो रहा है.

‘हम’ संरक्षक ने कहा कि यह स्वार्थ की नहीं बल्कि गैर स्वार्थ की बात है. ऐसे तत्वों ने जो आज बंद का नारा दिया है सब स्वार्थी हैं. कल मैंने 18 जातियों के साथ एक बैठक की थी और हमने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने जो यह वर्गीकरण किया है, यह वर्गीकरण होना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट में इसको हम से शेयर किया था इसलिए हमने इस बंद का विरोध किया क्योंकि हमारा छोटा भाई किस हालत में है यह बंद करने लोग वाले भी देखें इसलिए इस बंद का मैं कहीं से समर्थन नहीं करता.