स्टेट डेस्क/पटना : जमीन के बदले नौकरी मामले में सीबीआई की समन पर लालू परिवार दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंच गया है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, लालू-राबडी की बड़ी बेटी सांसद डा मीसा भारती बुधवार को पेशी के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे। लालू ह्वील चेयर पर बैठकर कोर्ट परिसर में दाखिल हुए।
मालूम हो कि लालू यूपीए सरकार में 2004 से 2009 तक रेलमंत्री थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने रेलवे के ग्रुप डी में कुछ लोगों को जमीन के बदले नौकरी दी। हालांकि रेलवे में जिस नियुक्ति में जमीन लेकर नौकरी देने का आरोप है , उसमें लालू यादव की सीधी संलिप्तता नहीं है।
लेकिन सीबीआइ कड़ियों को जोड़ कर इस नतीजे पर पहुंचा है कि नौकरी के बदले में जमीन मामले में लालू परिवार सीधा लाभार्थी है! सीबीआई ने इस मामले सबसे पहले 2017 में मामला दर्ज किया था। उसके बाद लालू परिवार के ठिकानों पर छापे डाले गये थे। छापे के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बना ली थी। पिछले साल अगस्त में नीतीश जब फिर महागठबंधन में लौटे तो नयी सरकार के शपथग्रहण से पहले सीबीआई ने लालू परिवार के ठिकानों पर छापेमारी की। अगस्त , 2022 के बाद सीबीआई ने मार्च, 2023 में लालू और राबड़ी से क्रमशः पटना और दिल्ली में होली से ठीक पहले 6 मार्च को पूछताछ की।
होली खत्म होते ही 10 मार्च को इस मामले में ईडी की इंट्री हो गयी। ईडी ने लालू के परिजनों के 24 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। एक करोड़ से कुछ की नगदी, विदेशी मुद्रा और जेवरात जब्त किये। ईडी ने इस मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को समन दिया था। लेकिन पत्नी राजश्री यादव की तबीयत बिगड़ जाने के कारण तेजस्वी ने समन ठुकरा दिया था। दिल्ली से 13 मार्च को लौटे तेजस्वी यादव ने कहा कि नौकरी के बदले में जमीन मामले में छह-सात सालों में भाजपाई सीबीआई कुछ हासिल नहीं कर पायी है तो अब ईडी को लगाया गया है। दोनों एजेंसियां हमारे परिवार को बदनाम करने के लिए भाजपा के इशारे पर काम कर रही हैं।