बिहार में लॉ एंड ऑर्डर सियासी मसला, कौन होगा DGP?

पटना

विपिन कुमार। बिहार में नए DGP की रेस शुरू हो चुकी है। ब्यूरोक्रेसी में इस बात को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं कि अगला पुलिस महानिदेशक कौन होगा? 1990 बैच के IPS अधिकारी आरएस भट्टी ने 20 दिसंबर 2022 को बिहार डीजीपी की जिम्मेदारी संभाली थी। तब बिहार में सीएम तो नीतीश कुमार ही थे, मगर उनके पार्टनर तेजस्वी यादव थे। महागठबंधन की सरकार थी।

वैसे, आरएस भट्टी चाहते तो डीजीपी के पद पर सितंबर 2025 तक रह सकते थे। मगर, उन्होंने केंद्रीय सेवा में जाने की इच्छा जाहिर की है और बिहार सरकार ने हरी झंडी भी दे दी है। लिहाजा, अब नए डीजीपी की तलाश शुरू हो चुकी है। ब्यूरोक्रेसी लॉबी की मानें तो आलोक राज, शोभा अहोतकर और विनय कुमार रेस में हैं।

आलोक राज का नाम पिछली बार भी डीजीपी के लिए पैनल में शामिल किया गया था, मगर बिहार की लोकल लॉबी से बाहर के किसी शख्स पर सहमति बनी। फिर आरएस भट्टी को बीएसएफ से लाकर बिहार में डीजीपी बनाया गया।

बिहार में नए डीजीपी को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। कभी पहले नंबर पर चलने वाले बिहार विजिलेंस ब्यूरो के डीजी आलोक राज रेस में पिछड़ते दिख रहे हैं। 1989 बैच के आलोक राज पावर जोन में कैलकुलेशन गड़बड़ा जाने से पिछली बार डीजीपी बनते-बनते रह गए थे। तब नीतीश कुमार के साथ पार्टनर के तौर पर लालू यादव की पार्टी थी। इस बार लालू-तेजस्वी तो नहीं हैं, मगर इस बार भी इनकी गोटियां ठीक से सेट नहीं हो पा रही है। बताया तो यहां तक जा रहा है कि इस बार उन्होंने खुद को ही पीछे कर लिया है।

वहीं 1990 बेच की तेज तर्रार आईपीएस शोभा अहोतकर फिलहाल बिहार होमगार्ड और फायर ब्रिगेड की डीजी हैं। शोभा अहोतकर कड़क मिजाज के लिए जानी जाती है। डीजीपी की रेस में शोभा अहोतकर को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही है। हालांकि, इनका विवाद आईपीएस विकास वैभव के साथ काफी सुर्खियों में रहा था। बताया जाता है कि तब ब्यूक्रेसी लॉबी ने शोभा अहोतकर का साथ दिया था। शोभा अहोतकर को ‘हंटर वाली’ लेडी आईपीएस अधिकारी के रूप में भी जाना जाता है।

साथ ही बिहार के नए डीजीपी बनने के रेस में सबसे आगे चल रहे IPS विनय कुमार 1991 बैच के अधिकारी हैं। फिलहाल, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के डीजी पद तैनात हैं। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के पद के अलावा लंबे समय तक एडीजी सीआईडी के पद पर भी रह चुके हैं। विनय कुमार ने आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। एक जिम्मेदार पुलिस अधिकारी के तौर पर अपनी पहचान बनाए हैं। बताया जाता है कि बेहद सरल और शालीन स्वभाव के विनय कुमार को रिसर्च के लिए जाना जाता है।

बिहार मौजूदा डीजीपी आरएस भट्टी 15 अगस्त के बाद कभी भी केंद्र में जा सकते हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि आरएस भट्टी एसएसबी या सीआईएसएफ में योगदान दे सकते हैं। जब बिहार का डीजीपी आरएस भट्टी को बनाया गया था तो वो सीमा सुरक्षा बल (BSF) में पूर्वी कमांड के अपर महानिदेशक (ADG) थे। बिहार कैडर के आईपीएस आरएस भट्टी इससे पहले भी यहां सेवा दे चुके हैं।

दरअसल, बिहार में लॉ एंड ऑर्डर शुरू से ही सियासी मसला रहा है। जो भी पार्टी विपक्ष में रहती है, वो कानून-व्यवस्था के बहाने सरकार को घेरती है। जब आरएस भट्टी डीजीपी बने थे तो तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम थे, अब वो विपक्ष में आ गए और अपराध के आंकड़ों के जरिए सरकार को निशाना बना रहे हैं। 15 अगस्त के बाद तेजस्वी यादव यात्रा पर निकलने वाले हैं, जिलों में जाकर सरकार के खिलाफ हमलावर रहेंगे। जाहिर है अपराध की घटनाओं की जिक्र होगी। आरजेडी अपने ऊपर लगे ‘जंगल राज’ के तमगे कम करना चाहेगी। नीतीश सरकार में ज्यादा अपराध हो रहे साबित करने की कोशिश करेगी।