यूपी-बिहार को जोड़ेगा गंडक नदी पर महासेतु, भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू

पटना

पटना, अशोक “अश्क” यूपी और बिहार की सीमा पर बहने वाली गंडक नदी के पिपराघाट-पखनहां में पुल और यूपी के तमकुहीराज से बेतिया तक नए राजमार्ग के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू हो गया है। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार ने बताया कि एनएच-727 (एए) के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य अंतिम चरण में है। इसमें भू-स्वामियों को एमवीआर से चार गुना अधिक मुआवजा दिया जाएगा।

इस परियोजना के तहत 3294.16 करोड़ रुपये की लागत से 29.22 किमी लंबा हाईवे बनाया जाएगा। इसमें गंडक नदी पर महासेतु और दोनों ओर फोरलेन सड़क का निर्माण किया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण जून 2024 में निर्माण कार्य शुरू करने की योजना बना रहा है। इसके लिए सर्वे पूरा हो चुका है और सीमांकन कार्य भी कर लिया गया है।

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, पुल का निर्माण बेतिया के मनुआपुल एनएच-727 (एए) से यूपी के तिवारी पट्टी (तमकुही रोड) एनएच-720 तक किया जाएगा। इस परियोजना में गंडक नदी पर 11.24 किमी लंबा पुल बनाया जाएगा। जिसमें 27.18 किमी सड़क और पुल बिहार में और 2.04 किमी सड़क यूपी में होगा। बैरिया के पटजिरवा से ठकराहा जीन बाबा तक पुल का निर्माण होगा।

भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को 300 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। यह सड़क बिहार के 15 और यूपी के 3 गांवों से होकर गुजरेगी, जिससे दो लाख से अधिक लोगों को आवागमन में सुविधा मिलेगी। फिलहाल यूपी के सेवरही से बेतिया की दूरी 160 किमी है, जो एनएच-28 के रास्ते तय करनी पड़ती है। पुल बनने के बाद यह दूरी सिर्फ 21 किमी रह जाएगी।

इससे भगवान बुद्ध और बौद्ध धर्म से जुड़े स्थलों का भ्रमण भी आसान हो जाएगा। इस पुल और सड़क के निर्माण से सबसे ज्यादा फायदा बैरिया प्रखंड के दियारा क्षेत्र को होगा। यहां की 30,000 से अधिक आबादी कृषि और पशुपालन पर निर्भर है। पुल बनने से डेयरी उत्पादों और गन्ना किसानों को बाजार तक पहुंचने में आसानी होगी।

गन्ना किसानों को चीनी मिलों तक सप्लाई में सहूलियत होगी, बड़ी डेयरी कंपनियों की गाड़ियां सीधी पहुंच सकेगी और दूध उत्पादकों को अच्छी कीमत मिलेगी। इस पुल के निर्माण के लिए बिहार और यूपी के लोगों ने लंबे समय से संघर्ष किया था। पश्चिम चंपारण के सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने इस परियोजना को मंजूरी दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।