माले महासचिव दीपंकर ने कहा, नहीं चलेगा गुजरात मॉडल! सत्ता और फासीवाद का बुलडोजर रोकेगा बिहार मॉडल!

पटना

State Desk/Patna: भाकपा-माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि देश में सत्ता और फासीवाद का जो बुलडोजर चल रहा है,उसका मुकाबल बिहार मॉडल ही करेगा. बिहार मॉडल संघर्षशील मजदूर-किसानों, मेहनतकश समूहों और व्यापक विपक्षी एकता की जमीन खड़ा है. इस मॉडल को पूरे देश में फैला देने की जरूरत है. भाकपा-माले का 11वां महाधिवेशन संपन्न होने के बाद दीपंकर मंगलवार को मीडिया से मुखातिब थे। वे लगातार पांचवी बार पार्टी के महासचिव चुने गये हैं.

दीपंकर ने कहा, हमारे महाधिवेशन ने गुजरात माॅडल के मुकाबले बिहार माॅडल को मजबूती से पेश किया है। इसे पूरे देश में फैला देने की जरूरत है. बिहार माॅडल में जहां जमीनी व प्रभावी जनांदोलनों के आधार पर संघ-भाजपा व अडानी-अंबानी के कारपोरेट-सांप्रदायिक-फासीवादी नीतियों का प्रतिरोध करेगा. वहीं, दूसरी ओर भाजपा के खिलाफ तमाम विपक्षी दलों व संगठनों की व्यापक विपक्षी एकता के आधार पर उसे चुनावों में शिकस्त देगा.

एक सवाल‌ के जवाब में दीपंकर ने कहा कि बिहार में महागठबंधन जनभावना का प्रतीक है जिसके पीछे बिहार की जनता का मजबूत जनादेश है। यह बहुजन समाज का महागठबंधन है जो सामाजिक और राजनीतिक रूप से व्यापकतम है। महागठबंधन व्यापकतम सामाजिक-राजनीतिक व वैचारिक ताकतों का गठबंधन है. इसे व्यापक जनसमर्थन हासिल है। बिहार का यह बदलाव आने वाले दिनों में पूरे देश में दिखेगा।

ऐसे में किसी एक नेता के निकल जाने से जनभावना पर आधारित महागठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दीपंकर से पूछा गया था कि आप व्यापक विपक्षी एकता बनाने की ओर बढ़ रहे हैं दूसरी ओर महागठबंधन में टूट हो रहा है। उपेन्द्र कुशवाहा ने जदयू छोड़कर अलग पार्टी बना ली है तो जीतनराम मांझी अपने बेटे को सीएम के तौर पर पेश करने लगे हैं। दीपंकर ने कहा, उपेन्द्र कुशवाहा का निकल जाना विपक्ष में टूट नहीं है। बिहार में भाजपा का महाराष्ट्र वाला खेल नहीं चला तो अब आरएसएस-भाजपा सरकार को अस्थिर करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। इन सब चीजों के पीछे आर एस एस और भाजपा है। महागठबंधन के नेताओं को सतर्क रहने की जरूरत है। भाजपा को कोई मौका नहीं देना चाहिए।

दीपंकर ने कहा, व्यापक विपक्षी एकता का की दिशा में हमारी कोशिशों का ही नतीजा है कि पहली बार माले के मंच पर कांग्रेस भी आयी। फासीवाद को रोकने, लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए व्यापक विपक्षी एकता के सवाल पर माले के महाधिवेशन में नीतीश कुमार , तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस के प्रतिनिधि के तौर पर सलमान खुर्शीद भी आये। माले महासचिव ने कहा कि महागठबंधन की ओर से 25 फरवरी को पूर्णिया में होने जा रही रैली राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष की एकता का संदेश देगी। हमारी पार्टी पूरी ताकत के साथ उसमें शामिल होगी। उसे सफल बनायेगी.

*माले की 77 सदस्यीय सेंट्रल कमेटी पांच महिलाएं, 26-27 फरवरी को कोलकाता की बैठक में पोलित ब्यूरो का चुनाव

महाधिवेशन ने 77 सदस्यीय केन्द्रीय कमेटी जिसमें नवनिर्वाचित केन्द्रीय कंट्रोल कमीशन के अध्यक्ष का. राजा बहुगुणा भी एसोसिएट सदस्य के बतौर शामिल हैं, का चुनाव किया. इसमें 13 नए सदस्य शामिल हैं. केन्द्रीय कमेटी में 5 नई महिला सदस्यों – का. फरहद बानू , राजस्थान; का. मंजू प्रकाश, बिहार; का. इंद्राणी दत्त पश्चिम बंगाल; का. श्वेता राज दिल्ली और का. मैत्रेयी कृष्णन कर्नाटक के शामिल किए जाने के साथ ही महिलाओं का औसत बढ़कर करीब 16 प्रतिशत हो गया है.

केन्द्रीय कमेटी ने नये चेहरों में बिहार से का. सत्यदेव राम, का. कुमार परवेज, का. संदीप सौरभ, का. नवीन कुमार व का. प्रकाश कुमार; नई दिल्ली से का. नीरज कुमार, उत्तराखंड से का. इंद्रेश मैखुरी व का. कैलाश पांडे शामिल हैं.

महाधिवेशन में प्रस्तुत सांगठनिक रिपोर्ट के मुताबिक भाकपा-माले का यह महाधिवेशन लगभग 2 लाख सदस्यता के साथ हुआ. इसमें कुल 27 राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों से के कुल 265 जिलों से निर्वाचित व मनोनीत होकर आए थे. रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश में 16 राज्यों में पार्टी का राज्यस्तरीय ढांचे हैं, 197 जिलों में जिलास्तरीय ढांचे हैं. करीब 1200 स्थानीय कमेटियों व 8000 पार्टी ब्रांचों समेत इन सभी नेतृत्वकारी ढांचों में 29 प्रतिशत महिलाएं हैं.

महाधिवेशन के प्रतिनिधित्व में महिलाओं की हिस्सेदारी भी पिछले की तुलना में बढ़कर 15 प्रतिशत हो है. 41 प्रतिशत प्रतिनिधि स्नातक व परास्नातक हें. लगभग तीन चैथाई प्रतिनिधि मध्यम किसान, वर्किंग क्लास और खेत मजदूर पृष्ठभूमि से हैं और प्रतिनिधियों में बड़ी संख्या लगभग 62 प्रतिशत पूर्णकालिक पार्टी कार्यकर्ताओं की है.

भाकपा-माले के इस 11वें महाधिवेशन और 15 फरवरी को गांधी मैदान में आयोजित हुई रैली को शानदार तरीके से सफल बनाने में बिहार की संघर्षशील जनता और यहां के बौद्धिक समाज का जो सहयोग मिला, भाकपा-माले की केन्द्रीय कमेटी इसके लिए उनके प्रति हार्दिक आभार प्रकट करती है. संवाददाता सम्मेलन में दीपंकर के अलावा राज्य सचिव का. कुणाल, धीरेन्द्र झा, राजाराम सिंह, वी. शंकर, क्लिफटन डी रोजेरिया, मीना तिवारी, मंजू प्रकाश और संदीप सौरभ उपस्थित थे.