गया में पार्टी नेता सुजीत कुमार उर्फ पुलेंद्र की गिरफ्तारी निंदनीय

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स्टेट डेस्क पटना: भाकपा (माले) के राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि आगामी 2 मार्च को पटना के गांधी मैदान में आयोजित बदलो बिहार महाजुटान को लेकर राज्य सरकार बौखला गई है और हमारे कार्यकर्ताओं के दमन पर उतर आई है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि बिहार की मौजूदा सरकार जनता के आक्रोश से डर गई है और लोकतांत्रिक विरोध की आवाज़ को दबाने के लिए दमनकारी हथकंडे अपना रही है।
कुणाल ने कहा कि इससे पहले भी नीतीश कुमार की तथाकथित प्रगति यात्रा के दौरान विभिन्न जिलों में हमारे नेताओं को डिटेन (हिरासत में) किया गया था और महाजुटान की तैयारियों में बाधा पहुंचाने की कोशिश की गई थी। अब गया जिले के पार्टी नेता और मोहनपुर प्रखंड कमिटी के सचिव का. सुजीत कुमार उर्फ पुलेंद्र को एक झूठे हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है।
यह गिरफ्तारी उस समय हुई जब बलजोरी बिगहा गांव में पार्टी की एक बैठक चल रही थी। उसी दौरान एसटीएफ और बेलागंज थाना की पुलिस ने उन्हें अचानक गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी पूर्ण रूप से राजनीतिक बदले की भावना से की गई है।
भाकपा (माले) ने इस गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि सरकार जितना दमन करेगी, जनता का उतना ही प्रतिरोध बढ़ेगा। बिहार की जनता ने बदलाव का मन बना लिया है और 2 मार्च को राज्यभर से लाखों मजदूर-किसान, छात्र-युवा, महिलाएं, स्कीम वर्कर्स और आंदोलनकारी ताकतें पटना पहुंचेंगी।
पार्टी ने यह भी साफ कर दिया है कि पुलिस दमन, झूठे मुकदमे और गिरफ्तारियों से जनता डरने वाली नहीं है। बल्कि, महाजुटान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए पार्टी कार्यकर्ता और भी जोश के साथ जुटेंगे।
भाकपा (माले) ने मांग की है कि:
का. सुजीत कुमार उर्फ पुलेंद्र की अविलंब रिहाई हो।
सरकार विपक्षी दलों और आंदोलनकारियों के दमन को तत्काल रोके।
लोकतांत्रिक विरोध के अधिकारों का सम्मान किया जाए।
अगर सरकार ने अपनी दमनकारी नीति नहीं बदली, तो पार्टी और भी व्यापक जनांदोलन के लिए मजबूर होगी।