- विश्वविद्यालय को 29.78 करोड़ की जगह एनडीए सरकार ने दिये 1745 करोड़
- बौद्घ दर्शन सहित सभी 6 पाठ्यक्रमों की पढाई जारी
- 30 देशों के 157 छात्र अध्ययनरत, कोई पाठ्यक्रम बंद नहीं
- नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुथान देख खिलजी को मानने वालों की छाती फट रही है
स्टेट डेस्क/पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री एवंं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार के समय नालंदा अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय ( एनआइयू) का विकास तेज हुआ और यहाँ बौद्घ दर्शन , अन्तरराष्ट्रीय संबंध सहित सभी 6 पाठ्यक्रमों की पढाई जारी है। उन्होंने कहा कि यहां 30 देशों के छात्र हैं। न कोई पाठ्यक्रम बंद हुआ है, न किसी पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है।
मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार के 9 साल में नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुथान देख कर बख्तियार खिलजी को पुरखा मानने वालों की छाती फट रही है। मोदी ने कहा कि नालंदा अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना जिस यूपीए सरकार के समय हुई थी, उसने इसे 2010-2014 तक मात्र 29.78 करोड़ रुपये का अनुदान दिया, जबकि एनडीए सरकार ने नौ साल ( 2014-2023) में अब तक 1744.90 करोड़ रुपये का अनुदान दिया।
उन्होंने कहा कि क्या अनुदान में भारी वृद्धि करना किसी की उपेक्षा का सूचक है? इतने उदार अनुदान के लिए तो नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करना चाहिए। मोदी ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में 223 छात्र ज्ञान के विभिन्न अनुशासन (स्कूल) में अध्ययनरत हैं। इनमें 157 अन्य देशों से आये हैं।
उन्होंने कहा कि बौद्घ दर्शन की पढाई के लिए नालंदा अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय दुनिया भर के छात्रों की पहली पसंद बन गया है।मोदी ने कहा कि विदेश मंत्रालय यहां पढ़ने वाले विदेशियों के लिए छात्रवृत्ति में लगातार वृद्धि कर रहा है। विदेशी राजनयिक यहां अक्सर आते हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने जी-20 सम्मेलन में नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष की प्रतिकृति लगवा कर दुनिया को भारत और बिहार की ज्ञान परम्परा का संदेश दिया, लेकिन विपक्ष को यह भी अच्छा नहीं लगा।