–डिप्टी सीएम बतायें, एक लाख में करोड़ो की कंपनी के मालिक कैसे बने?
- ललन सिंह ने ही सीबीआई को दस्तावेज उपलब्ध कराये थे
- मुख्यमंत्री अब बिंदुवार जवाब क्यों नहीं मांगते?
- भाजपा ने दरवाजे बंद किये, सीएम ने भ्रष्टाचार से किया समझौता
स्टेट डेस्क/पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नौकरी के बदले जमीन मामले में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर चार्जशीट दायर होने के बाद क्या अब नीतीश कुमार उनसे इस्तीफा लेने की हिम्मत दिखायेंगे?
उन्होंने कहा कि 2017 में जब भ्रष्टचार के मामले की प्राथमिकी और जांच में तत्कालीन डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का नाम आया था, तब मुख्यमंत्री ने बिंदुवार जवाब मांगा था , अकेले में उनसे बात की थी और संतुष्ट न होने पर महागठबंधन सरकार का इस्तीफा सौंप दिया था।
मोदी ने कहा कि उस समय भाजपा के बिना शर्त समर्थन देने से उनकी कुर्सी बच गयी थी। अब उनके लिए पार्टी के दरवाजे बंद हो चुके हैं, इसलिए नीतीश कुमार ने लालू परिवार के भ्रष्टचार से समझौता कर लिया है।
उन्होंने कहा कि 2007 में जदयू के ललन सिंह ने ही नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू प्रसाद के विरुद्ध सीबीआइ जांच की मांग करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ज्ञापन सौंपा था।
मोदी ने कहा कि ललन सिंह के ज्ञापन और उनके ही उपलब्ध कराये दस्तावेजी सबूत के आधार पर जब लालू परिवार के खिलाफ जांच आगे बढ रही है, तब ललन सिंह राजद से दोस्ती होने के कारण पलट कर सीबीआई और केंद्र सरकार पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। दोस्त बदल लेने से सच नहीं बदल जाता।
मोदी ने कहा कि नौकरी के बदले जिन लोगों की करोड़ों रुपये की कीमती जमीन एके इन्फो सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के नाम लिखवायी गई, उस कंपनी को मात्र एक लाख रुपये में तेजस्वी यादव ने कैसे खरीद लिया?
उन्होंने कहा कि रेलवे में ग्रेड-4 की नौकरी पाने वाले हृदयानंद चौधरी ने अपनी 70 लाख की जमीन तत्कालीन रेलमंत्री की बेटी हेमा यादव को दान क्यों की ? मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव को राजनीतिक बयानबाजी करने के बजाय ऐसे सवालों का बिंदुवार जवाब देना चाहिए।