स्टेटडेस्क/पटना : देश के कई राज्यों में मंकीपॉक्स के मरीजों के मिलने के बाद बिहार में भी एक संदिग्ध मरीज मिल गया है. जिस महिला में मंकीपॉक्स के लक्षण मिले हैं वो पटना सिटी की रहने वाली है. पीएमसीएच की माइक्रो वायरोलॉजी विभाग की टीम सैंपल लेगी और जांच के लिए पुणे भेजेगी.
बिहार स्वास्थ्य विभाग इस मामले को संदिग्ध मान रहा है. आज मंगलवार को ही स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इसको लेकर बैठक भी की है.आज की हुई बैठक में बिहार स्वास्थ्य मंत्रालय के अपर मुख्य सचिव, सभी वरीय अधिकारी, राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जन, सभी मेडिकल कॉलेजों के सुपरिटेंडेंट्स शामिल हुए. डब्ल्यूएचओ और भारत सरकार द्वारा मंकीपॉक्स के संबंध में जो जानकारियां दी गई हैं इसे साझा किया गया. यह बिमारी क्या है? क्या लक्षण हैं? कैसे ठीक होगा? क्या जांच करनी है? इन सब चीजों पर चर्चा हुई है.
संदिग्ध मरीज की तुरंत हो जांच :
मंगल पांडेय ने कहा कि सभी जिलों के सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया है कि प्रखंड स्तर के चिकित्सा पदाधिकारियों के साथ मंकीपॉक्स के संबंध में जानकारियों को साझा करें. चिकित्सकों को संदिग्ध मरीज नजर आता है तो तुरंत उसकी जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. सैंपल कलेक्ट करें. यूरिन, ब्लड, स्वैप का सैंपल कलेक्ट करें. सभी सैंपल बायोलॉजी लैब पुणे भेजे जाएंगे.
दरअसल, मंकीपॉक्स को लेकर बिहार सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है. मंगल पांडेय ने यह जानकारी दी कि अस्पतालों में मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए बेड आरक्षित किए जाएंगे. ब्लॉक स्तर तक ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हम समय-समय पर तैयारियों का जायजा लिया जाएगा. कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ, इसी बीच मंकीपॉक्स आ गया है. कोरोना के बीच समय-समय पर कई प्रकार की बीमारियां मौसम के अनुरूप आ ही रही हैं. चुनौतियों का सामना हम लोग कर रहे हैं. सफल भी हो रहे हैं.