DESK : कांग्रेस नेता राहुल गांधी मामले को लेकर देश की राजनीति गर्म हो गई है. वहीं, विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि यह मामला इतना बड़ा नहीं था. आनन-फानन में सदस्यता रद्द करने की जरूरत नहीं थी.
मुकेश सहनी ने कहा कि मैं न्यायपालिका के फैसले पर उंगली नहीं उठा रहा हूं. प्रारंभ से न्यायपालिका का सम्मान किया हूं और आगे भी करता रहूंगा. जहां तक इस फैसले की बात है उससे देश के अधिकांश लोग असहमति जता रहे हैं, उनमें एक मैं भी हूं. यह मामला इतना बड़ा नहीं था. अदालत द्वारा दो साल की सजा सुनाने के बाद आनन-फानन में 12 घंटे के अंदर जिस तरह से लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई, उसकी जरूरत नहीं थी. थोड़ा इंतजार करना चाहिए था.
वीआईपी प्रमुख ने कहा कि जिस बयान को लेकर सजा सुनाई गई है, वैसा बयान चुनाव के समय हजारों नेता बोलते हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मुझे न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा विश्वास है और पूरी संभावना है कि ऊपरी अदालत में जाने के बाद निश्चित रूप से स्टे हो जाएगा.
ये है मामला
बता दें कि राहुल गांधी को ‘मोदी उपनाम’ को लेकर आपराधिक मानहानि के एक मामले में बृहस्पतिवार को दोषी ठहराया गया था और दो वर्ष कारावास की सजा सुनाई गयी थी. अदालत ने हालांकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को तत्काल जमानत दे दी थी और उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक रोक लगा दी थी, ताकि वह इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकें. वहीं, कोर्ट के इस फैसले के बाद केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया गया.