माले की राज्यस्तरीय टीम का नवादा दौरा, सूदखोरों के चंगुल में फंसकर आत्महत्या को विवश हो रहे गरीब!

पटना
  • कर्ज, दबंगई व महाजनों द्वारा बलात्कार की लगातार धमकी से तंग आकर केदानाथ गुप्ता के परिवार ने की आत्महत्या!
  • जिला प्रशासन द्वारा मामले की लीपापोती का प्रयास, महाजनों पर हत्या का मुकदमा चलाया जाए, सूदखोरी का अंत हो.
  • परिवार के शेष बचे सदस्यों को 50 लाख मुआवजा व सुरक्षा की गारंटी दे सरकार
  • 13 नवंबर को भाकपा-माले का पूरे नवादा जिला में होगा प्रतिवाद.

Patna, State Desk : भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने राज्य में महाजनी कर्ज के दबाव के कारण आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है. कहा कि नवादा में केदारनाथ गुप्ता सहित उनके परिवार के अन्य 5 सदस्यों द्वारा आत्महत्या की अत्यंत दुखद घटना के पहले भी राज्य में ऐसी कई घटनाएं घट चुकी हैं. हमने राज्य सरकार से इन मामलों को गंभीरता से देखने का कई बार अनुरोध भी किया है, लेकिन कोई भी सुधार नजर नहीं आ रहा है. महाजनी सूदखारी ऐसा जाल है जिससे गरीब कभी नहीं उबर पाते और अंत में अपनी जिंदगी समाप्त ही कर देने का निर्णय ले रहे हैं. यदि व्यवसाय आदि के लिए यह कर्ज महाजनों की बजाए सीधे सरकार द्वारा मिलते, तब ऐसी दुखद घटनाएं घटित नहीं होती. हमारी मांग है कि सरकार महाजनी सूदखोरी पर तत्काल रोक लगाए और जरूरत मंदों को सरकार के स्तर से कर्ज मुहैया कराए.

नवादा के गढ़पर न्यू एरिया में रहने वाले केदारनाथ गुप्ता और उनके परिवार के 5 सदस्यों द्वारा आत्महत्या की घटना की जांच के सिलसिले में भाकपा-माले की एक राज्यस्तरीय टीम 11 नवंबर को नवादा पहुंची. इस टीम में भाकपा-माले राज्य स्थायी समिति सदस्य सह अरवल विधायक महानन्द सिंह, ऐपवा नेत्री रीता वर्णवाल, नवादा जिला सचिव भोला राम, राज्य कमिटी सदस्य नरेंद्र सिंह, सावित्री गुप्ता, किसान महासभा के राज्य सह सचिव राजेन्द्र पटेल, माले नेता मिथिलेश यादव और नवादा के कई नेता/कार्यकर्ता शामिल थे.

जांच टीम ने बिहार सरकार से मांग की है कि:
1.आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले सभी सूदखोरों को गिरफ्तार कर उनपर हत्या का मुकदमा चलाया जाए और फास्ट ट्रैक कोर्ट में इसकी सुनवाई की जाए.
2.पीड़ित परिवार को कम से कम 50 लाख मुआवजा दिया जाए व परिवार के बचे सदस्यों की सुरक्षा की गारंटी की जाए.
3.इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए ताकि यह तथ्य खुलकर सामने आ सके कि केदारनाथ गुप्ता के परिवार के साथ सूदखोर आखिर ऐसा कौन सा व्यवहार कर रहे थे कि पूरा परिवार आत्महत्या को मजबूर हुआ.
4.महाजनी सूदखोरी समाप्त की जाए.

रजौली प्रखंड के मूलतः अमावां गांव के रहने वाले केदारनाथ अपने परिवार के साथ करीब तीस साल से गढ़पर न्यू एरिया नवादा मुहल्ले में अरूणेश शर्मा के घर में किराये पर रह रहे थे. उन्होंने फल व ढोसा की एक छोटी सी दुकान खोल रखी थी. परिवार में पांच बेटियों तथा दो बेटे में से दो बेटियों व एक बेटे की शादी हो चुकी है. बड़ी बेटी व बड़ा बेटा फिलहाल दिल्ली में रह रहे हंै. दूसरे नंबर की बेटी अपने ससुराल में है.अपनी दूसरी बेटी की ही शादी में उन्होंने मनीष सिंह, विकास सिंह, टुनटुन सिंह खटाल,पंकज सिंहा व रंजीत सिंह से कर्ज ले रखा था, जिसका भुगतान प्रति महीना वे कर रहे थे. 4-5 सालों से लगातार कर्ज की राशि का भुगतान करने के बावजूद ब्याज की दर इतनी थी कि कर्ज का कई गुणा दे देने के बावजूद भी सूदखोर उनपर दबाव बनाए हुए था. मनीष सिंह समेत सभी सूदखोरों द्वारा उनके घर पर चढ़कर गाली-गलौज किया जाता था. उनकी बेटियों पर भी सूदखोरों की नजर रहती थी और उनके साथ अभद्र व्यवहार व बलात्कार करने तक की धमकी दे चुके थे. केदारनाथ अपने परिवार को सुरक्षित नहीं पा रहे थे. उन्हें लग रहा था कि बेटियों की इज्जत बचा पाना मुश्किल है. लिहाजा, उन्होंने अपने परिवार की जिंदगी खत्म करने का निर्णय लिया.

केदारनाथ गुप्ता (65) ने पत्नी अनीता देवी (62) और यहां रह रहे अपनी तीन बेटियों व एक बेटे क्रमशः गुङिया कुमारी (20 वर्ष) , शबनम कुमारी (18 वर्ष) , साक्षी कुमारी (16 वर्ष) एवं बेटा ध्रुव उर्फ प्रिंस कुमार उम्र (22 वर्ष) सल्फास की गोली खाकर आत्महत्या कर ली. जहर उन्होंने शहर से दो किलोमीटर दूर मजार के पास जाकर खाया. बाहर रहने वाले ही उनके बच्चे बच सके.यह घटना सूदखोरों के आतंक के कारण ही घटी. पत्नी व दो बेटी की लाश नवादा शहर से करीब दो किलोमीटर दूर मजार शरीफ के पास मिली। बाकी दो बेटी तथा बेटे को किसी तरह से पुलिस द्वारा अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल जाने के दौरान ही केदारनाथ गुप्ता ने रास्ते में दम तोङ दिय. दो बेटियां की मौत पावापुरी अस्पताल ले जाने के दौरान बीच रास्ते में हो गई.

गढ़पर न्यू एरिया मे मनीष सिंह सरीखे सूदखोरों द्वारा गरीबों पिटाई, सामान उठा ले जाने, छेड़छाड़ की लगातार घटनाएं घटती रही हंै, लेकिन किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई नहीं होने से दबंगों व सूदखोरों का मनोबल बढा हुआ है. अभी उस मुहल्ले में भय और आतंक का माहौल बना हुआ है.इस दुखद घटना के खिलाफ 12 नवंबर को व्यवसायिक लोगों ने नवादा में अपनी दुकान बंद रखने का आह्वान किया है. भाकपा-माले ने भी बंद का समर्थन किया है. 13 नवंबर को पूरे जिला में भाकपा माले ने प्रतिवाद दिवस मनाने का फैसला किया है.