- सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सभी
जातियों के संदेह का निवारण सम्भव
स्टेट डेस्क/पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए बिहार सरकार को पंचायत और वार्ड के अनुसार जातीय सर्वे के विस्तृत आंकड़े शीघ्र जारी करने चाहिए।
मोदी ने कहा कि भाजपा के सरकार में रहते जातीय सर्वे कराने का निर्णय हुआ था और सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद पार्टी ने पंचायत और वार्ड के आधार पर आंकड़े जारी करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट का आदेश हमारी मांग के अनुकूल है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जातीय सर्वे के सिर्फ राज्य स्तरीय आंकड़े जारी कर कई तथ्यों को छिपाने की कोशिश की। मोदी ने कहा कि अधिकतर जातियों ने अपनी आबादी कम दर्ज करने की शिकायत की। कुछ जातियों की गणना न करने के भी आरोप लगे।
उन्होंने कहा कि पंचायत और वार्ड स्तर पर जातीय आंकड़े जारी होने से तथ्यों को भौतिक रूप से जाँच कर संतुष्ट होना या उन्हें विधिवत चुनौती देना आसान होगा।
मोदी ने कहा कि सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक सहित 17 बिंदुओं पर सर्वे कराये गए थे,जबकि सरकार ने केवल 7-8 बिंदुओं पर रिपोर्ट जारी की।
उन्होंने कहा कि सर्वे रिपोर्ट से पता नहीं चलता कि कितनी जातियाँ भूमिहीन हैं और किसके पास कितनी जमीन है?
मोदी ने कहा कि जो लोग जातीय सर्वे कराने का श्रेय लूटने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कर विस्तृत रिपोर्ट जारी करानी चाहिए ताकि सभी जातियों का संदेह दूर हो।