निशाने पर नीतीश : सुशील मोदी और केंद्रीय मंत्री रामदास का दावा बिहार में भी होगा महाराष्ट्र जैसा खेला!

पटना

हेमंत कुमार/पटना: तो क्या‌ नीतीश कुमार के साथ भी वैसा ही होगा जैसा महाराष्ट्र में शरद पवार के साथ हुआ है! बीजेपी जेडीयू के विधायकों को तोड़ लेगी और नीतीश कुमार देखते रह जायेंगे। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआइ) के अध्यक्ष और नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री रामदास आठवले और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अलग अलग जारी अपने बयान‌ में साफ-साफ कहा है कि बिहार में नीतीश कुमार के साथ महाराष्ट्र जैसा ही होगा!

महाराष्ट्र की राजनीतिक उथल-पुथल के बीच केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार के साथ भी ऐसा ही होगा जैसा शरद पवार के साथ हुआ है. अजित पवार बारे में अठावले ने कहा कि एनसीपी की ताकत ही अजित पवार से थी. अब वह बीजेपी के साथ आ गए हैं जिससे अब एनसीपी की हालत गंभीर हो गई है.

अठावले ने कहा, ‘अजित पवार कुछ समय से नाराज थे. क्योंकि वह चाहते थे कि एनसीपी, बीजेपी के साथ गठबंधन करे लेकिन शरद पवार इसके लिए तैयार नहीं थे. मैं अजित पवार के फैसले का स्वागत करता हूं. यह बड़ा बदलाव है और एनसीपी और एमवीए के लिए बड़ा झटका है.’ उन्होंने तंज भरे लहजे कहा कि एनसीपी चीफ शरद पवार और सुप्रिया सुले वे बचे हुए लोगों के साथ काम करेंगे.

नीतीश कुमार पर हमलावर अंदाज में अठावले ने कहा, ‘हम विपक्षी एकता के साथ कोई ‘ऑपरेशन’ नहीं करते, लोग ही पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हैं. उन्होंने दावा किया कि बिहार में बहुत सारे नेता और विधायक नीतीश कुमार से नाराज हैं. नीतीश कुमार पहले पीएम नरेंद्र मोदी के साथ आए फिर चले गए इसलिए लोग परेशान हैं.’

वहीं, पीएम मोदी की तारीफ करते हुए रामदास अठावले ने कहा कि मोदी विकास पुरुष हैं. वह सबको साथ लेकर चलते हैं. दलित हों, पिछड़े हों या अल्पसंख्यक हों, सभी लोग पीएम मोदी का साथ देते हैं. इसलिए पूरे देश में माहौल पैदा हो रहा है. जैसा महाराष्ट्र में हुआ है वैसा बाकी के राज्यों में हो सकता है. हमारी एनडीए 2024 तक और भी ज्यादा मजबूत हो सकती है.

बता दें कि अजित पवार ने एनसीपी के स्थापना दिवस के दिन ही पार्टी नेतृत्व से मांग की थी कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष की भूमिका से मुक्त करते हुए पार्टी संगठन में कोई भूमिका दी जाए जबकि इस पर शरद पवार ने कहा था कि ऐसे फैसले एक व्यक्ति द्वारा नहीं लिए जाते. हालांकि रविवार को अचानक ही अजित पवार अपने समर्थक विधायकों के साथ महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गये.

*बिहार में महाराष्ट्र जैसी स्थिति बन सकती है, इसी डर से नीतीश कर रहे हैं विधायकों संग वन – टू – वन मीटिंग! इधर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी में विद्रोह विपक्षी एकता की पटना बैठक का परिणाम है, जिसमें राहुल गांधी को प्रोजेक्ट करने की जमीन तैयार की जा रही थी।

मोदी ने कहा कि बिहार में भी महाराष्ट्र-जैसी स्थिति बन सकती है, इसे भांप कर नीतीश कुमार ने विधायकों से अलग-अलग (वन-टू-वन) बात करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि जदयू के विधायक-सांसद न राहुल गांधी को स्वीकार करेंगे, न तेजस्वी यादव को। पार्टी में भगदड़ की आशंका है। मोदी ने कहा कि जदयू पर वजूद बचाने का ऐसा संकट पहले कभी नहीं था, इसलिए नीतीश कुमार ने 13 साल में कभी विधायकों को नहीं पूछा। आज वे हरेक से अलग से मिल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जदयू यदि महागठबंधन में रहा, तो टिकट बंटवारें में उसके हिस्से लोकसभा की 10 से ज्यादा सीट नहीं आएगी और कई सांसदों पर बेटिकट होने की तलवार लटकती रहेगी। यह भी विद्रोह का कारण बन सकता है। मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने विधायकों से बिना पूछे भाजपा से गठबंधन तोड़ा, लालू प्रसाद से फिर हाथ मिलाया और बिहार में विकास की रफ्तार तोड़ी। इससे दल के भीतर असंतोष लगातार बढ़ रहा है। अब वन-टू-वन बातचीत से आग बुझने वाली नहीं है।