तेजस्वी को विरासत सौंपने की बात कह कर नीतीश ने अपने डेथ वारंट पर दस्तखत किया : उपेंद्र कुशवाहा

पटना

विरासत बचाओ नमन यात्रा : तीसरा दिन

STATE DESK : विरासत बचाओ नमन यात्रा के ज़रिये हम बिहार के लोगों से संवाद करने और उन्हें बताने निकले हैं कि 2005 में सत्ता में बदलाव किया. इससे पहले राज्य में हर तरफ बर्बादी का मंज़र दिखायी देता था. अराजक स्थिति थी और राज्य ऐसा बनता जा रहा था, जहां लोगों का रहना दूभर था, व्यापारी राज्य छोड़ कर बहार जा रहे थे. हत्या, बलात्कार अपहरण रोज़ का मामुल बन गया था. तब आपने नीतीश कुमार जी को ताक़त दी और उन्होंने बिहार को इस स्थिति से बहार निकला.

लेकिन वही नीतीश कुमार अब अपनी विरासत उन लोगों को ही सौंपने की बात कर रहे हैं, जिन के राज्य में बिहार अंधेरे में डूबा था. ऐसा कर नीतीश जी ने अपने डेथ वारंट पर दस्तखत तो किया ही, बिहार के दबे-कुचले, शोषित-वंचित, लव-कुश और अति पिछड़े समाज का भी अपमान किया जिन्होंने उन्हें ताक़त दी थी. राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने सीतामढ़ी के बाजपट्टी में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए यह बातें कहीं.

पार्टी नेता फज़ल इमाम मल्लिक ने बताया कि इससे पहले कुशवाहा ने शहीद रामफल मंडल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. कुशवाहा ने कहा कि नीतीश जी को लव-कुश समाज और पिछड़ों, अतिपिछड़ों, महादलितों और अकलियतों व दूसरे समाज ने ताक़त दी। लेकिन विरासत की बात आई तो नीतीश जी ने उसे लव-कुश और अतिपिछड़ों को सौंपने की बजाय उन्हें ही सौंपने की बात की जिन से बिहार को मशक्क़त के बाद मुक्ति मिली थी. उन्होने युवाओं से आह्वान किया कि बिहार को बचाने के लिए उठ खडें हों.

उन्होंने भरोसा दिलाया कि आने वाले दिनों में बिहार को जिस रसातल में ले जाने की कोशिश हो रही है, अगर आप की ताक़त मिली तो हम बिहार को उस अंधेरे में नहीं ले जाने देंगे. मल्लिक के मुताबिक सीतामढ़ी में बड़ी तादाद में जदयू के सदस्यों ने पार्टी से इस्तीफा दे कर राष्ट्रीय लोक जनता दल कर सदस्यता ली. इसके बाद कांटा चौक पर पार्टी कार्यालय का उद्घाटन भी किया. मल्लिक ने बताया कि इससे पहले कुशवाहा कांटा चौक और भारत बाज़ार होते हुए बाजपट्टी पहुंचे.

फिर बाजपट्टी में सभा के बाद पुपरी, बसैठा, मब्बी और सकरी होते हुए नरपतनगर पहुंचे. रास्ते में भी उन्होंने लोगों से संवाद किया. नरपतनगर में उन्होंने ने बाबू सूरज नारायण सिंह के स्मारक पर माल्यार्पण किया और फिर जनसभा को संबोधित किया. सभा के बाद कुशवाहा मधुबनी पहुंचे. शुक्रवार को कुशवाहा मधुबनी से फारबिसगंज के लिए रवाना होंगे और कथा शिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु के गांव जा कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर यात्रा को आगे बढ़ायेंगे.