नित्यानंद ने कहा, पंडित राजकुमार शुक्ल को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग पर विचार करेगी केंद्र सरकार!

पटना

स्टेट डेस्क/पटना : केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि देश की आजादी के लिए जिन्होंने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। आजादी के अमृत काल के अवसर पर उन विभूतियों के गांव में उनकी पवित्र माटी को नमन करूंगा।‌ राय बुधवार को चंपारण सत्याग्रह के अमर सेनानी पंडित राजकुमार शुक्ल की जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। राय ने कहा, पंडित शुक्ल की पावन धरती पर की पवित्र माटी दिल्ली ले जाकर अमृत वन में स्थापित करेंगे। आजादी की लड़ाई में पंडित शुक्ल की अहम भूमिका त्याग और बलिदान को कृतज्ञ राष्ट्र सदैव याद रखेगा।

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आजादी के संघर्ष में उनके योगदान को देखते हुए उनको भारत रत्न की उपाधि से विभूषित करने की मांग पर सरकार विचार करेगी। राय ने आजादी के बाद देश के विभाजन पर कहा कि देश की आजादी में मर मिटने वालों ने देश के विभाजन का सपना नहीं देखा था। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि आजादी के लिए जिन्होंने अपना सर्वस्व न्योछावर किया, उन्हें आजादी के अमृत काल के अवसर पर सम्मान देना देश का सम्मान होगा।

पंडित शुक्ल ने आजादी की लड़ाई को चम्पारण सत्याग्रह से गति दी। उन्होंने महात्मा गांधी को चपारण लाकर किसानों को ब्रिटिश हुकूमत के दमन से मुक्ति दिलाने का काम किया। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री मिथिलेश तिवारी ने कहा, गांधी और शुक्ल दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं ।

गांधी और शुक्ल को अलग-अलग देखने की आवश्यकता नहीं है। पंडित शुक्ल बिहार के गौरव पुरुष है जिन पर बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देशवासियों को नाज है। जिस तीन कठिया पद्धति के विरुद्ध उन्होंने शंखनाद किया उसे गांधी का नेतृत्व मिला। उस आंदोलन ने स्वाधीनता संग्राम की दिशा और दशा तय की।

इस अवसर पर चार विशिष्ट क्षेत्रों में योगदान के लिए पंडित राजकुमार शुक्ल शिखर सम्मान दिया गया। सामाजिक कार्य के लिए चर्चित समाजसेवी मिथिलेश कुमार राय , पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट अवदान के लिए बृजमोहन पांडे , कला के क्षेत्र में आकाशवाणी और दूरदर्शन पटना के केंद्र निदेशक राजकुमार नाहर और साहित्य के क्षेत्र में प्रख्यात लेखक भैरव लाल दास को पंडित राजकुमार शुक्ल साहित्य शिखर सम्मान से अलंकृत किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित राजकुमार शुक्ल स्मृति संस्थान के अध्यक्ष और लोजपा (रामविलास) के मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट ने की। भट्ट ने कहा कि आजादी के अमृत काल के अवसर पर पिछली सरकारों की भूल को सुधारा जा सकता है। पंडित शुक्ला ने जिस जज्बे के साथ देश की आजादी के लिए ब्रितानी हुकूमत के खिलाफ चंपारण के कृषक आंदोलन को गांधी के नेतृत्व में आगे बढ़ाया। वह अतुलनीय है। उन्होंने गांधी को महात्मा बनाया।

उन्हें राष्ट्रीय राजनीतिक फलक पर स्थापित करने का कार्य किया। चंपारण सत्याग्रह के पश्चात बापू राष्ट्रीय फलक पर स्थापित हो गये । और पंडित शुक्ल गुमनामी के अंधेरों में खो गये। आज उनकी जन्म जयंती पर यह संकल्प लेने का दिन है कि उनकी कुर्बानी को आजादी के अमृत काल के अवसर पर सम्मान मिल सके। इससे पहले कार्यक्रम की शुरूआत शिवानीभट्ट के स्वागत गीत से हुई जबकि मंच संचालन चंद्रशेखर आजाद और इंदु उपाध्याय ने संयुक्त रूप से किया। धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कुमार ने किया।