डॉ आंबेडकर जयंती पर माले ने लिया संविधान और लोकतंत्र बचाने की लड़ाई को तेज करने का संकल्प

पटना

अमेरिका के सामने देश की संप्रभुता को गिरवी रखने का काम कर रही है मोदी सरकार

सांप्रदायिक व संविधान विरोधी वक्फ संशोधन कानून को वापस लेने की मांग उठाई

स्टेट डेस्क/पटना : संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर की जयंती के अवसर पर भाकपा-माले ने आज राजधानी पटना सहित पूरे राज्य में कार्यक्रम आयोजित कर फासीवादी भाजपा के शासन में संविधान व लोकतंत्र पर बढ़ रहे हमलों के खिलाफ लड़ाई को तेज करने का संकल्प लिया.

साथ ही, अमेरिका के सामने देश की संप्रुभता गिरवी रखने का काम कर रही मोदी सरकार व भाजपा की नकली देशभक्ति का भंडाफोड़ करते हुए प्रगतिशील राष्ट्रवाद का झंडा बुलंद करने का आह्वान किया. आज के कार्यक्रम के दौरान सांप्रदायिक व संविधान विरोधी वक्फ संशोधन कानून रद्द करने की भी मांग उठाई गई.

राजधानी पटना में हाईकोर्ट स्थित डॉ आंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया जिसमें विधान पार्षद शशि यादव, केडी यादव, सरोज चौबे, अभ्युदय, जितेन्द्र कुमार सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. चितकोहरा में भी भाकपा-माले कार्यकर्ताओं ने इस अवसर पर मार्च निकाला और संविधान की रक्षा का संकल्प लिया.

फुलवारी विधायक गोपाल रविदास ने आज फुलवारीशरीफ के केरी पर कोरियवां, मनेर के व्यापुर, फतुहा के उसफा, परसा के सिमरा और फुलवारी के महुली में डॉ. आंबेडकर जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. दरभंगा, अरवल, बेगूसराय, बिहारशरीफ, मधुबनी, औराई, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, पानापुर, घोषी, विक्रमगंज, समस्तीपुर, बेतिया आदि केंद्रों के साथ-साथ पंचायत स्तर पर आंबेडकर जयंती के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित हुए.

पंचायत स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों में पार्टी की ओर से जारी अपील का पाठ किया गया और भाजपा और आरएसएस द्वारा संविधान पर हो रहे हमलों, अमेरिका के सामने घुटनाटेक नीतियों, और देश को पीछे ले जाने की सांप्रदायिक साजिशों के खिलाफ पूरी ताकत से संघर्ष करने का संकल्प लिया गया.

नेताओं ने इस मौके पर कहा कि देश के अंदर संविधान पर हर रोज़ हमले हो रहे हैं और देश को “हिंदू राष्ट्र” में बदल देने का चौतरफा उन्माद सुनाई पड़ रहा है. ऐसे में हमें बाबा साहब की वह ऐतिहासिक चेतावनी याद रखनी चाहिए कि अगर हिंदू राष्ट्र सचमुच एक वास्तविकता बन जाता है तो इसमें संदेह नहीं कि यह देश के लिए भयानक विपत्ति होगी, क्योंकि यह स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व के लिए खतरा है. यह लोकतंत्र से मेल नहीं खाता. हिंदू राज को हर कीमत पर रोका जाना चाहिए.

बाबा साहब और कम्युनिस्ट आंदोलन की विरासत को बुलंद करते हुए और संविधान की प्रस्तावना में निहित मूल्यों – न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व – को समाज के हर कोने तक पहुंचाने संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट होने और प्रगतिशील राष्ट्रवाद का झंडा बुलंद करनपे का आह्वान किया गया।