12 फरवरी को बदलो बिहार विमर्श के तहत

स्टेट डेस्क/पटना : बदलो बिहार विमर्श के तहत आगामी 12 फरवरी को सिन्हा लाइब्रेरी पथ स्थित बीआइए सभागार में ‘गणतंत्र के 75 साल-बिहार में बदलाव की चुनौती’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया है. परिचर्चा को मुख्य रूप से भाकपा-माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक प्रो. रतनलाल, दिल्ली वि.वि. के पूर्व स. प्राध्यापक डॉ. लक्ष्मण यादव, आर्टिकल 19 के पत्रकार नवीन कुमार, वीर कुंवर सिंह वि.वि. की सहायक प्राध्यापक प्रो. चिंटू कुमारी, सामाजिक कार्यकर्ता वंदना प्रभा, विधायक सह इंसाफ मंच के अध्यक्ष गोपाल रविदास, पाटलिपुत्र विवि के अवकाश प्राप्त शिक्षक प्रो. शमीम आलम आदि संबोधित करेंगे. परिचर्चा का संचालन विधायक सह बीपूटा के संरक्षक संदीप सौरभ करेंगे.
बिहार आज बदलाव की मुहिम पर खड़ा है. पर्दे के पीछे से शासन कर रही फासीवादी ताकतें इस बदलाव को हड़प लेना चाहती है. दूसरी तरफ, बिहार में एनडीए सरकार का 20 साल का शासन विफलताओं और जनता से विश्वासघात का ही शासन रहा है. बिहार की जनता अपने को ठगा महसूस कर रही है और तमाम तबके इस बदलाव को जनपक्षीय, लोकतांत्रिक दिशा में ले जाने की जद्दोजहद कर रही हैं. यह विमर्श ऐसे ही नाजुक दौर में हो रहा है. बिहार बदलेगा तभी देश बदलेगा. दिल्ली चुनाव परिणाम भले भाजपा के पक्ष में रहे हों. इसका सबक यही है कि आंदोलनों को और तीखा किया जाए.
बिहार में बदलाव के सवाल व दिशा पर यह परिचर्चा नागरिक समाज की ओर से आयोजित है. एआइपीएफ के संयोजक कमलेश शर्मा, विधायक संदीप सौरभ, विधायक व इंसाफ मंच के राज्य अध्यक्ष गोपाल रविदास, जस्टिस डेमोक्रेटिक फोरम के पंकज श्वेताभ, किसान महासभा के केडी यादव, आइलाज की संयोजक मंजू शर्मा, इंसाफ मंच के गालिब, शिक्षाविद् गालिब, दलित अधिकार मंच के कपिलेश्वर राम, बिहार प्रदेश मुसहर विकास संघ के अशर्फी सदा, एससी-एसटी कर्मचारी संघ के विश्वनाथ चौधरी, शिक्षाशास्त्री रजनीश भारद्वाज और पॉलिटेक्निक कॉेलेज के शिक्षक आशुतोष कुमार इसके आयोजकों में शामिल हैं.
आयोजन समिति की ओर से कमलेश शर्मा ने बिहार के बुद्धिजीवियों व आंदोलनकारी समूहों से आग्रह कि या है कि बदलाव के इस विमर्श में शामिल हों ताकि इस मुहिम को गति मिल सके.