डेस्क। बिहार कृषि कॉलेज के प्लेसमेंट सेल और कैरियर कौन्सेलिंग सेंटर द्वारा आयोजित “’कृषि छात्रों के लिए कैरियर कौन्सेलिंग और उच्च शिक्षा के अवसर’” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला बी.एस.सी (कृषि) और बी.एस.सी (वानिकी) की पढ़ाई कर रहे स्नातक छात्रों के लिए एक ज्ञानवर्धक और विस्तृत कार्यक्रम साबित हुआ। विशेषज्ञ के द्वारा न केवल उपलब्ध उच्च शिक्षा के मौका को कैसे मूल्यवान बनाया जाए बल्कि कृषि, (वानिकी) और संबद्ध क्षेत्रों में कैरियर की संभावनाओं के बारे में भी गहराई से चर्चा की।
एम..एस.सी और पी.एच.डी कराने वाले अच्छे संस्थानों और विश्वविद्यालयों पर चर्चा की गयी । भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय एवं प्रौद्योगिकी बारे में भी गहराई से चर्चा की। विशेषज्ञों ने उपलब्ध शैक्षणिक कठोरता और विशेषता पर भी प्रकाश डाला, छात्रों को उनके शैक्षिक भविष्य के बारे में निर्णय लेने के बारे में मार्गदर्शन दिया।
कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड (ए.एस.आर.बी) भर्ती प्रक्रिया की जटिलताओं को सावधानीपूर्वक समझाया गया, आई.सी.ए.आर में वैज्ञानिक बनने की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला गया। . कार्यशाला में सहायक प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया के बारे में बताया गया जिससे इच्छुक विधार्थी को उनके भविष्य के कैरियर के लिए एक रोडमैप प्रदान किया गया।
राष्ट्रीय परिदृश्य के अलावा, कार्यशाला ने नेताजी सुभाष – आई.सीए.आर अंतर्राष्ट्रीय फैलोशिप और विदेशी छात्रवृत्ति के माध्यम से वैश्विक अवसरों के बारे में बताया गया और जर्मनी में DAAD छात्रवृत्ति फ़ेलोशिप के लिए चर्चा विस्तार से किया गया, जिससे छात्रों को अपने शैक्षणिक और व्यावसायिक विकास की तलाश करने में सक्षम बनाया गया।
निजी कंपनियों और निजी विश्वविद्यालयों में कैरियर के अवसरों के बारे में बताया गया जिससे इच्छुक विधार्थी को उनके भविष्य के कैरियर बनाने में मदद मिलेगी । इस जानकारी ने छात्रों को अपने भविष्य के कैरियर के बारे में अच्छी तरह से विकल्प चुनने के लिए सशक्त बनाया।
कार्यशाला का नेतृत्व करने वाले वैज्ञानिक ने मृदा विज्ञान, कृषि विज्ञान, कीट विज्ञान, बागवानी, फसल प्रजनन, जैव प्रौद्योगिकी और पादप शरीर विज्ञान जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में गहन जानकारी प्रदान की जिससे छात्रों को कृषि क्षेत्र के भीतर विभिन्न शाखाओं के बारे में जानकारी प्राप्त हुआ , जिससे उन्हें कैरियर बनाने में मदद मिलेगी ।
उच्च शिक्षा के लिए चरणबद्ध दृष्टिकोण, जिसमें स्नातकोत्तर और डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी कार्यक्रम के बारे में जानकारी प्रदान की गयी। अपनी शैक्षणिक यात्रा की भविष्य की योजना बनाने में मदद मिलेगी । राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एन.ई.टी) में सफलता प्राप्त करने पर भी जोर दिया गया और सहायक प्रोफेसर पदों को सुरक्षित करने के लिए शोध पत्र प्रकाशन के महत्व को रेखांकित किया जो छात्र अपनी रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए उठा सकते हैं।
डॉ डी आर सिंह, कुलपति ने भी छात्रों को उत्साहवर्धक संदेश, जिसमें उनसे अपने पाठ्यक्रमों का सावधानीपूर्वक अध्ययन करने और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने का आग्रह किया गया। भारत और विदेशों में प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में उच्च अध्ययन करने का आग्रह किया गया । विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. एम. हक ने छात्रों को कैरियर में सफल होने के लिए ईमानदार, मेहनती और समय का पाबंद होने की सलाह दी।
उन्होंने यह भी बताया कि कृषि एवं वानिकी में कैरियर ग्रोथ की अपार संभावनाएं हैं।डॉ. एस.एन. राय, प्राचार्य, बिहार कृषि कॉलेज ने छात्रों को सॉफ्ट स्किल विकास और संचार कौशल विकाश की सलाह दिया और सर्वांगीण शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। कार्यशाला में डॉ. भबानी प्रसाद मंडल, डॉ. जया कुमारी जैसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के व्याख्यान शामिल हैं।
डॉ. जया कुमारी, डॉ. प्रीति प्रियदर्शनी, डॉ. अवधेश क्. पाल, डॉ. संजय कुमार शर्मा और डॉ. एसके महिदुर रहमान ने वास्तव में कृषि क्षेत्र में कैरियर विकल्पों के बारे में छात्रों के लिए एक व्यापक मार्गदर्शक के रूप में कार्य किया। आयोजन सचिव के रूप में डॉ. चंदन कुमार पांडा और सह-आयोजन सचिव के रूप में डॉ. अनिल पासवान की भूमिका ने इस अमूल्य आयोजन को सफल बनाया ।