संदीप सिंह : तमिलनाडु के नाम पर फर्जी वीडियो वायरल करने के मामले में ईओयू जांच कर रही है. बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप को बुधवार को रिमांड पर लिया गया. गुरुवार सुबह तक रिमांड की अवधि है. इस बीच मनीष कश्यप के साथ अब खान सर भी कार्रवाई की मांग उठने लगी है. यही नहीं बल्कि बीजेपी के एक नेता की संपत्ति और कुछ नेताओं के कॉल डिटेल की जांच की मांग की गई है. बुधवार (22 मार्च) को जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव ने इस मामले पर खूब बोला.
वही पूर्व सांसद पप्पू यादव ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि बीजेपी नेता और बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा की संपत्तियों की जांच होनी चाहिए. कई बीजेपी नेता ऐसे हैं जिनके फोन कॉल डिटेल की जांच होनी चाहिए. तमिलनाडु मामले के मामले पर आगे कहा कि बीजेपी की भूमिका की जांच होनी चाहिए. बिहारियों को तमिलनाडु में मरवाने की तैयारी थी. उन्माद पैदा कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई है. कुछ यूट्यूबर्स के चलते पत्रकारिता जगत का सम्मान गिरा है.
मनीष कश्यप का नाम लिए बगैर पप्पू यादव ने कहा कि सवाल ये उठता है कि जब पत्रकार दलित, हिन्दू, मुस्लिम हो जाए तो ऐसे पत्रकारों का लाइसेंस रद्द होना चाहिए. ऐसे मामलों में कठोर कानून बनाने की जरूरत है. सोशल मीडिया, यूट्यूबर को सरकार के दायरे में आकर काम करने की जरूरत है. कुछ यूट्यूबर माफिया के पैसे से सोशल मीडिया चला रहे हैं जो समाज के लिए खतरनाक हो गए हैं. पटना के कोचिंग संचालक खान सर के खिलाफ भी जांच होनी चाहिए. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल करने वालों की जांच होनी चाहिए. कई कोचिंग संस्थान के लोग भी इसमें शामिल हैं जिनकी जांच जरूरी है.
पप्पू यादव ने कहा कि लोकतंत्र और इंसानियत खतरे में है. नेता भी लगातार जातीय उन्माद फैलाने में जुट गए हैं. मनीष कश्यप के समर्थन में 23 मार्च को बिहार बंद को लेकर कहा कि इसे जातीय रंग देने की कोशिश की जा रही है. तेजस्वी यादव से अपील की है कि ऐसे अपराधी प्रवृति के लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें. फर्जी पत्रकार और अपराधी किस्म के पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.