DESK : बिहार रामनवमी जुलूस के दौरान हुई हिंसा की घटना पूरे देश के सुर्खियों में है. इस मामले को लेकर खूब बयानबाजी हो रही है. वहीं, एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले को लेकर मंगलवार को बिहार सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बिहारशरीफ में मदरसा अजीजिया को आग के हवाले कर दिया गया और मुस्लिमों की दुकानों को निशाना बनाया गया. इसके पीछे साजिश है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जानते थे कि नालंदा एक संवेदनशील जिला है, फिर भी वहां अशांति थी. उन्हें कोई पछतावा नहीं है, उन्होंने कल इफ्तार में भी शिरकत की थी. सीएम नीतीश और तेजस्वी राज्य में मुसलमानों में डर पैदा करना चाहते हैं.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जब भी किसी राज्य में हिंसा होती है तो उसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है. नीतीश इफ्तार की पार्टी में जाते हैं, टोपी पहनते हैं कुछ तो दिखाते हैं. नीतीश सरकार हिंसा रोकने में नाकाम रही, नीतीश को दंगे का अफसोस नहीं है. इफ्तार पार्टी में चले गए. बिहार में दंगों के लिए नीतीश सरकार जिम्मेदार है. बिहार में जो दंगा हुआ उसमें बीजेपी और राज्य सरकार के लोग का शक्ति प्रदर्शन है. गृह मंत्री ने कहा कि उल्टा लटका देंगे तो फिर कर्नाटक में पाशा की हत्या कैसे हो गई?
एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मालूम था कि नालंदा एक संवेदनशील जिला है, फिर भी ये हुआ, तो ये जो भी कुछ बिहार में हुआ उसकी जिम्मेदारी बिहार सरकार पर आती है. उन्हें मालूम था कि वहां हिंसा की घटना हो सकती है क्योंकि 2016 में भी इस तरह का हिंसा नालंदा में हुआ था. उन्हें इन सब से कोई तकलीफ नहीं हो रही है.
बता दें कि बिहार में रामनवमी जुलूस के दौरान रोहतास जिले के सासाराम और नालंदा जिले के बिहारशरीफ में हिंसा भड़क उठी थी. इस मामले में पुलिस ने अब तक 173 लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि दोनों शहरों में सामान्य स्थिति बहाल हो गई है और स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है.