PATNA: सदन में बीजेपी का हंगामा, कहा- सरकार को दोबोरा नियुक्ति पत्र बांटने को लेकर जोरदार हमला बोला

पटना

DESK : बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले बीजेपी ने जमकर हंगामा किया है। विधानसभा में बीजेपी के विधायकों ने रोजगार के मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और सरकार पर नौकरी के नाम पर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। नियुक्ति हो चुके विभिन्न विभागों के कर्मियों के बीच पिछले दिनों राज्य सरकार द्वारा दोबोरा नियुक्ति पत्र बांटने को लेकर बीजेपी ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है।

बता दें कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद ये पहला शीतकालीन सत्र होगा। वहीं विपक्षी दल बीजेपी ने सरकार को कई मुद्दों जिसमें क्राइम, शराबबंदी कानून, बेरोजगारी, कृषि समेत कई मुद्दे शामिल होंगे।

दूसरी ओर बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है। सदन के अंदर राष्ट्रगान के दौरान कांग्रेस विधायक अबिदुर रहमान खड़े नहीं हुए। बीजेपी ने इनके ऊपर राष्ट्रदोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

एक घंटे चली कार्यवाही में बीजेपी और माले विधायकों ने सरकार को जमकर घेरा। इस बीच सरकार ने 19 हजार 48 करोड़ का अनुपूरक बजट, माल एवं सेवाकर विधेयक काे विधानसभा के पटल पर रखा गया।

जबकि सदन के बाहर बीजेपी विधायकों ने जमकर हंगामा किया। विधानसभा के बाहर जय श्री राम और हर-हर महादेव के नारे भी लगे।विधानसभा के अंदर जय श्रीराम और जय भीम के नारे लगे। भाजपा के सभी विधायकों ने भगवा गमछा पहन कर आए हैं।

जदयू के विधायक डॉक्टर संजीव ने शराबबंदी को लेकर समीक्षा करने की बात उठाई है शराबबंदी पूरी तरह से बिहार में फेल है। अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। इस पर पुनः समीक्षा होनी चाहिए पुलिस पैसा उगाही कर रही है।

इधर, बिहार विधानसभा परिसर में माले के विधायक प्रदर्शन किया। वो NIA के जरिए मुसलमानों को परेशान किए जाने का आरोप लगा रहे हैं। माले विधायक केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। पूर्व विधायक सुधाकर सिंह किसानें के हित में प्राइवेट बिल लेकर आ रहे हैं।

वहीं भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री नितिन नवीन ने कहा है कि इस सत्र में सरकार को कई मसलों पर घेरने की तैयारी है। तीन ऐसे मसले हैं, जिसके आधार पर वो जदयू और राजद को घेरेगी।

उन्होंने बताया कि नियुक्ति पत्र को बांटने को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी की जा रही है। बीजेपी का आरोप है कि पूर्व की सरकार में यह नौकरियां हो चुकी थी। सरकार अपना कॉलर टाइट करने के लिए यह नियुक्ति पत्र बांट रही है। इस मसले पर सदन के अंदर और बाहर हंगामा होने के आसार हैं। और दूसरा मुद्दा विकास का है। 2005 में एनडीए की सरकार बनी थी तो लालू-राबड़ी सरकार का हवाला देकर सरकार में आए थे।

फिर 15 साल बाद उन्हीं के साथ आकर अब विकास की चर्चा नीतीश कुमार नहीं करते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब सात निश्चय की चर्चा नहीं करते हैं। विकास के मुद्दे से सरकार अब बिल्कुल उतर चुकी है। अंत में तीसरा मुद्दा कानून व्यवस्था, जिससे 2005 में एनडीए सरकार की साख बनी थी। अब वह साख भी खत्म हो चुकी है। नीतीश कुमार के सामने क्रेडिबिलिटी क्राइसिस है। भाजपा इन सभी मुद्दों पर सरकार को घेरेगी।