DESK : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित बापू सभागार में रिमोट के माध्यम से 224.19 करोड़ की लागत की स्वास्थ्य विभाग की 24 योजनाओं का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने बक्सर जिला के डुमरांव तथा बेगूसराय में क्रमशः 515 करोड़ एवं 515 करोड़ रुपये लागत की राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना का भी मुख्यमंत्री ने शुभारंभ किया। साथ ही कार्यक्रम में 9469 चयनित स्वास्थ्यकर्मियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में आप सभी लोगों का स्वागत और अभिनंदन कर रहा हूं। बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा की गई नियुक्ति में एएनएम काउंसलर, सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर, स्वास्थ्य प्रबंधक, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक एवं प्रखंड लेखापाल के 9469 पदों पर बहाली की गई है जिन्हें आज इस कार्यक्रम में नियुक्ति पत्र दी गई है।
आप सभी पदाधिकारियों और कर्मियों को बधाई देता हूं। आप सभी को जो जिम्मेदारी मिल रही है उसका पूरी मजबूती के साथ निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा विगत पांच वर्षों में 24 हजार 600 से अधिक पदों पर कर्मियों की बहाली की गई है और 5 हजार से अधिक पदों के लिए नियोजन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है जिसे इस वर्ष पूरा कर लिया जायेगा। स्वास्थ्य समिति में लगभग 11 हजार और नई बहाली की जाएगी। साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले पांच वर्षों में 12 हजार 800 से अधिक नियुक्तियां की गई हैं तथा 21 हजार 400 पदों पर नई बहाली की प्रक्रिया शुरु की गई है। कुल मिलाकर पिछले पाँच वर्षों में 37,400 से अधिक कर्मियों की बहाली हो चुकी है और लगभग इतने ही पदों पर बहाली अगले वर्ष तक हो जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले नियुक्तियों में बहुत विलंब होता था इसीलिए हमलोगों ने तकनीकी सेवा आयोग का गठन किया ताकि तेजी से जरुरत के अनुसार लोगों की बहाली हो सके। आज बेगूसराय और बक्सर का चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल का शिलान्यास किया गया। भोजपुर के लिए वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के ही कैंपस में चिकित्सा महाविद्यालय बनाने का निर्णय हमलोगों ने किया है। कुंवर सिंह विश्वविद्यालय की जो जगह है उसको हमलोगों ने दूसरी जगह कोईलवर के मानसिक रोग चिकित्सा संस्थान की जमीन में दे दिया है। उन्होंने कहा कि ‘मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना की आज शुरुआत की गई है। इसकी सुविधा होने से घर पर ही बड़े-बड़े डॉक्टर, एक्सपर्ट लोग मरीजों को देखेंगे और एक-एक चीज के बारे में सुझाव भी देंगे। इसका लाभ लोगों को बहुत मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 में ही हमलोगों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का सुदृढ़ीकरण करवाना शुरु किया गया और सातों दिन तक 24 घंटे एक्टिव रखने का सिलसिला शुरु किया गया। हर अस्पताल में लैंडलाइन फोन लगवाए गए ताकि डॉक्टर और अन्य स्टाफ की मौजूदगी की जानकारी मिल सके। पटना के न्यू गार्डिनर अस्पताल में हमने उस समय के उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत जी को आमंत्रित किया था और उन्हीं से मुफ्त मेडिसिन देने की शुरुआत करवाई थी। उन्होंने कहा कि मरीजों को सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में दवा हमेशा मिलना चाहिए। इस पर विशेष ध्यान दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 6 बेड हुआ करता था उसको हमलोगों ने तय किया कि अब 30 बेड का होगा। इसको लेकर 434 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 261 का निर्माण हो चुका है और बाकी की निर्माण प्रक्रिया जारी है। जल्दी से सारे कार्यों को पूरा कर लिया जाएगा। सभी मेडिकल एवं जिला अस्पतालों में सिटी स्कैन की जांच, किडनी के मरीजों के लिए डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। पटना के आई०जी०आई०एम०एस० में आई बैंक और आधुनिक किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट स्थापित की गई है। सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना करनी है। बहुत जगहों पर हो गया है। 8 तो पहले से उपलब्ध था बाकी 16 पर काम चल रहा है। हरेक जिले में जी०एन०एम० स्कूल, वो भी बहुत हद तक हो गया है।
प्रत्येक जिले में पारा मेडिकल संस्थान, पांच जिलों में फार्मेसी कॉलेज, प्रत्येक अनुमंडल में एएनएम स्कूल की स्थापना की जा रही है। आईजीआईएमएस की व्यवस्था को और बेहतर किया गया है। पावापुरी में भगवान महावीर के नाम पर महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान बनाया गया है। बेतिया में मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनाया गया है। मधेपुरा में जननायक कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल खोला गया है। राजवंशी नगर, पटना में हड्डी संबंधित रोगों और राजेंद्र नगर, पटना में आंखों के इलाज के लिए विशिष्ट अस्पताल बनाया गया है। न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल में डायबिटीज के विशिष्ट इलाज की व्यवस्था की जाएगी। सभी का बेहतर तरीके से इलाज हो सके इसके लिए हमलोग प्रयासरत् हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में हमलोग मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बनाने के लिए सोच रहे हैं। मुंगेर, मोतिहारी एवं सुपौल में भी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बनाने का निर्णय लिया जा चुका है। केंद्र के सहयोग से 8 जगहों पर मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार 150 करोड़ से 180 करोड़ रुपये खर्च कर रही है, जबकि राज्य सरकार 350 करोड़ से ज्यादा खर्च करेगी। जब और अस्पताल बनेंगे तो बहाली और अधिक होगी और बेहतर इलाज भी हो सकेगा। हमलोग चाहते हैं कि लोग स्वस्थ रहें। लोगों के बेहतर इलाज के लिए हमलोग सारा इंतजाम कर रहे हैं। पीएमसीएच, पटना को 5462 बेड के बेहतर अस्पताल के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है। इसका निर्माण तीन चरणों में हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी क्षेत्रों में विकास के काम किए गए हैं। बिहार को हमलोग अपने बल पर विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार में विकास के काम किए गए हैं उसकी भी जानकारी लोगों को रहनी चाहिए ताकि नयी पीढ़ी उससे अवगत हो सके। मैट्रिक की परीक्षा में लड़कियों की संख्या लड़के के बराबर हो गई है। सभी आगे बढ़ रहे हैं। महिलाएं और लड़कियां भी समाज में आगे बढ़ कर काम कर रही हैं। मेरे खिलाफ जिनको जो बोलना है बोलें लेकिन बिहार का जो विकास हुआ है उसके संदर्भ में जरूर बात होनी चाहिए।
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न पदों पर चयनित 9469 सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। जिसमें सांकेतिक रूप से कुछ अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से नियुक्ति पत्र सौंपा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग प्रत्यय अमृत ने हरित पौधा भेंटकर किया। कार्यक्रम के दौरान ‘मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना’ पर आधारित एक लघु फिल्म की प्रस्तुति की गई। इस अवसर पर मानव संसाधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट एवं सराहनीय कार्य करनेवाले उपसचिव राजेश कुमार, उपनिदेशक सह प्रभारी, मानव संसाधन शिवनारायण झा, एचआर एंड रिक्रूटमेंट एक्सपर्ट, रोहिता बरियार, सलाहकार, मानव संसाधन सौम्या राज, सलाहकार, मानव संसाधन निशा कुमारी, सलाहकार, मानव संसाधन धनंजय कुमार को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, स्वास्थ्य विभाग के सचिव के सेंथिल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह, बिहार राज्य चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक दिनेश कुमार, स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर सहित अन्य वरीय अधिकारीगण, चयनित अभ्यर्थीगण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, सांसद दिलेश्वर कामत सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, कई जिलों के जिलाधिकारी, सिविल सर्जन सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति जुड़े हुए थे ।