पटना : चिराग पासवान को मिला एनडीए की बैठक में शामिल होने का न्यौता, तो चाचा पारस ने कहा-टूटे हुए दिल नहीं मिलेंगे!

पटना

हेमंत कुमार /पटना : बीजेपी एनडीए की बैठक में उन दलों को भी बुला रही है जो दल अब तक एनडीए का पार्टनर नहीं हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो उन दलों को भी बुलावा भेजा जा रहा है जिन दलों के प्रमुख बार-बार लगातार यह कहते सुने जा रहे हैं कि हम अभी किसी गठबंधन में नहीं हैं।

इसको लेकर चिराग के चाचा RLJP के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने आपत्ति की है। उन्होंने साफ-साफ कह दिया है कि चिराग से कोई समझौता नहीं करेंगे! पशुपति के इस रवैये से NDA में खटपट बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 18 जुलाई को दिल्ली में NDA की होने जा रही बैठक में शामिल होने के लिए चिराग पासवान को बुलावा पत्र भेजा है। पत्र में चिराग और उनकी पार्टी को एनडीए का महत्वपूर्ण साथी दल बताते हुए कहा गया कि 18 जुलाई को दिल्ली के होटल अशोका में प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में आप सादर आमंत्रित हैं!

चिराग को भेजे गये नड्डा के इस पत्र से दो तरह के सवाल उठ रहे हैं! पहला सवाल यह कि क्या बीजेपी से दूरी दिखा रहे उपेन्द्र कुशवाहा, जीतनराम मांझी और चिराग पासवान दूरी का दिखावा कर रहे हैं या हकीकत में कोई दूरी भी है? दूसरा सवाल, क्या बीजेपी इन छोटे-छोटे दलों के क्षत्रपों को ‘हुकूम का गुलाम’ समझ कर इस्तेमाल करती है?

चिराग पासवान अब तक कहते रहे हैं कि वह NDA का हिस्सा नहीं हैं। सीट शेयरिंग का फार्मूला तय होने के बाद ही वह NDA में जायेंगे। पिछले दिनों केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने पटना में चिराग से मुलाकात की थी। उस मुलाकात के बाद चिराग ने NDA में जाने के संकेत दिये थे। लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की थी। चिराग के NDA में शामिल होने को लेकर उनके चाचा और RLJP के अध्यक्ष केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की नाराजगी जगजाहिर है।

पारस कहते रहे हैं कि वह चिराग के NDA में शामिल होने का न स्वागत करेंगे न विरोध करेंगे! पारस ने शनिवार को दिल्ली में कहा कि वह हाजीपुर की सीट किसी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा नित्यानंद राय समझौते का फार्मूला लेकर आये थे,हमने अपनी मजबूरियां उनको बता दी!
इधर, चिराग 18 की बैठक में जायेंगे या नहीं , इस सवाल पर LJP-R के प्रवक्ता राजेश भट्ट ने कहा कि हम अभी NDA के पार्टनर नहीं हैं, लेकिन बीजेपी की ओर से जो आमंत्रण मिला है,उस पर आज पार्टी की बैठक में विचार होगा। बैठक में चिराग पासवान भी शामिल रहेंगे।

RlJD के उपेन्द्र कुशवाहा भी अभी तक NDA के पार्टनर नहीं हैं, लेकिन जेडीयू छोड़ नयी पार्टी बनाने के बाद से वह लगातार बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं। पार्टी के प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक ने बताया कि उनकी पार्टी अब तक NDA का हिस्सा नहीं है। उनकी पार्टी को दिल्ली आने का बुलावा भी नहीं मिला है। बुलावा मिलने पर विचार किया जायेगा। लेकिन इतना तय है कि हमारी पार्टी किसी वैसे गठबंधन में नहीं जायेगी जो बिहार को 2005 के पहले वाले दौर में ले जाये।

जीतनराम मांझी की पार्टी HAM भी अभी तक NDA का औपचारिक पार्टनर नहीं बनी है। लेकिन बैठक में आने का बुलावा उनको भी मिला है। मांझी शुक्रवार को बीजेपी के राजभवन मार्च में भी आगे आगे दिखे थे। महागठबंधन छोड़ने के बाद सबसे पहले बीजेपी के विधायक पवन जायसवाल मांझी और उनके पुत्र से मिलने उनके आवास पर पहुंचे थे। इन पार्टियों और इनके नेताओं से बीजेपी के साथ लगाव देखकर लगता है कि ‘दूरी बना कर रखने’ का फार्मूला बस लेन-देन फाइनल होने तक ही कायम रहता है। डील फाइनल होते ही दूरियां मिटने लगती हैं!