Sandeep Singh : महापर्व छठ को लेकर पटना जिला प्रशासन ने कुल 105 घाटों में 16 गंगा घाट को खतरनाक घाट घोषित किया है जबकि 89 घाट को बेहतर घाट की श्रेणी में रखा है. पटना जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने दावा किया है कि 89 घाटों पर जिला प्रशासन की ओर से पूरी व्यवस्था है. इन घाटों पर छठ किया जा सकता है, लेकिन धरातल पर तस्वीरें कुछ और हैं. गुरुवार को पटना नगर उपायुक्त शीला ईरानी घाटों का जायजा लेने पहुंची. इस दौरान घाटों का हाल देखकर वह काफी गुस्सा हो गईं.
शीला ईरानी पटना सिटी के कंगन घाट पर पहुंची और घाटों पर मरम्मत करवा रहे कर्मियों पर आग बबूला हो गईं. उनपर जमकर गुस्सा निकाला. दरअसल गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है. नदी के किनारे के पास काफी दलदल है. काम करवाया जा रहा. कर्मियों ने दलदल पर बालू तो डाला, लेकिन उस अनुसार नहीं डाला गया जिससे लोग सुरक्षित रह सकें. शीला ईरानी ने कर्मियों को उस दलदल वाले जगह पर जाने के लिए कहा तो मजदूर दो फीट से ज्यादा दलदल में धंस गए. इसके बाद शीला ईरानी काफी गुस्सा हुईं और कल तक काम को सही ढंग से करने का आदेश दिया.
नगर निगम कर्मियों ने उसके बाद पैसे की मांग करने लगे. निगम कर्मियों ने कहा कि चार महीने से वेतन नहीं मिला है. हमलोग कैसे काम करें. जब एबीपी न्यूज़ ने शीला ईरानी से बात करना चाहा तो वह गुस्से में निकल गईं. कुल मिलाकर देखा जाए तो छठ में जिला प्रशासन के दावे तो जरूर हैं, लेकिन पटना नगर निगम के कामों का पोल भी खोला जा रहा है.