डेस्क। बिहार में इन दिनों छुट्टी को लेकर शिक्षा विभाग काफी चर्चा में है. शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में पर्व के दिनों की छुट्टी में कटौती की है. इस फैसले को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से शिक्षक नाराज चल रहे हैं.
वहीं, इस मुद्दों को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि ऐसा कुछ नहीं है. सब लोग अपने बच्चों को पढ़ाना चाहता हैं और ज्यादा से ज्यादा स्कूल खुले रहेंगे तो बच्चे पढ़ पाएंगे, जो अधिकारी विभाग को समझता है वह अपना काम सही तरीके से कर रहा है. किसी को अगर इसमें गलत लग रहा है तो मेरे पास आए और मुझसे कहे कि इसमें क्या कमी है. इसके बाद उस पर हम लोग विचार करेंगे.
बता दें कि बिहार सरकार ने सितंबर से दिसंबर तक की सरकारी स्कूलों की छुट्टियों में कटौती की है. सितंबर से दिसंबर तक 23 छुट्टियां थीं, जो अब 11 कर दी गई हैं. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर प्रारंभिक से उच्च माध्यमिक तक के स्कूलों में छुट्टियों की नई तिथि जारी की गई है.
छुट्टियों में किए गए बदलाव पर शिक्षा विभाग का कहना है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा 1-5) में कम-से-कम 200 दिन, मध्य विद्यालयों (कक्षा 6-8) में कम-से-कम 220 दिनों का कार्यदिवस होना जरूरी है. इस फैसले पर जमकर राजनीति बयानबाजी हो रही है.
वहीं, बिहार सरकार ने कई जिला शिक्षा अधिकारियों को शिक्षा विभाग के निर्देश को ‘गंभीरता से’ लेने और राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए सभी स्कूल प्रधानाचार्यों के साथ प्रतिदिन ‘वर्चुअल’ बैठकें करने को कहा है.
यह निर्देश राज्य शिक्षा विभाग द्वारा यह पाये जाने के बाद आया है कि सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों के साथ ऐसी बैठकें प्रतिदिन नहीं होतीं. राज्य शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पाठक ने एक पत्र में कहा कि वर्चुअल बैठकों की संख्या 65,000 से 70,000 के बीच है, हालांकि पूरे बिहार में 75,309 सरकारी स्कूल हैं.