DESK : बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि सनातन धर्म विरोधी और रामचरितमानस की निंदक महागठबंधन सरकार ने पहले हिंदू त्योहारों पर छुट्टियां कम करने की कोशिश की, अब ऐन नवरात्रि के समय प्रशिक्षण के नाम पर राज्य के स्कूली शिक्षकों को छह दिन के लिए घर से दूर रहने को विवश किया जा रहा है।
सुशील मोदी ने कहा कि राज्य सरकार का यह तुगलकी आदेश हिंदुओं की धार्मिक स्वतंत्रता पर आघात है और इसे भी वापस लेना पड़ेगा। हम स्कूली शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के विरुद्ध नहीं हैं, लेकिन इसे दुर्गा पूजा जैसे एक बड़े हिंदू त्योहार के समय रखना जानबूझ कर बहुसंख्यक वर्ग को प्रताड़ित करना है। 16 से 21 अक्टूबर तक चलने वाले प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं को 15 अक्टूबर की शाम तक अपने जरूरी सामान लेकर निर्धारित स्थल पर पहुंचने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि क्या सरकार का शिक्षा विभाग रमजान के दौरान सप्ताह-भर के प्रशिक्षण कार्यक्रम का फरमान जारी कर सकता है? नवरात्रि में लोग नौ दिन उपवास रखते हुए नियमित पूजा-पाठ करते हैं। ऐसे में कोई आस्तिक हिंदू क्या घर से दूर प्रशिक्षण स्थल पर रहते हुए उपवास और पूजा-पाठ का पालन कर सकता है? नीतीश सरकार अल्पसंख्यकों के त्योहार पर ड्यूटी आवर में बदलाव करती है और कुछ स्कूलों में साप्ताहिक छुट्टी का दिन रविवार की जगह शुक्रवार करती है, जबकि दूसरे धर्म के त्योहार पर सहूलियत देने के बजाय घर छोड़ने को मजबूर करती है, यह तुष्टीकरण बंद होना चाहिए।