पटना : प्रेस की आजादी के खिलाफ हैं मोदी, जनपक्षीय पत्रकारों पर केंद्र सरकार के हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद !

पटना

पटना/स्टेट डेस्क : दिल्ली में कई पत्रकारों के घरों पर छापेमारी और उन्हें हिरासत में लिए जाने के खिलाफ मंगलवार को पटना में एआइपीएफ के बैनर से जगजीवन राम संस्थान से सतमूर्ति तक नागरिक प्रतिवाद मार्च निकाला गया. मालूम हो कि दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को देश के जाने-माने पत्रकार उर्मिलेश Urmilesh, अभिसार शर्मा Abhisar Sharma और भाषा सिंह Bhasha Singh , परंजॉय गुहा ठाकुरता Pranjoy Guha Thakurta, प्रबीर पुरकायस्थ, संजय राजौरा , ओनिंद्यो, सोहैल हाशमी के घरों पर एक साथ छापेमारी की।

भाषा सिंह को छोड़कर सबों को थाने ले गयी। देर शाम दो लोगों प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को छोड़कर बाकी लोगों को रिहा कर दिया। ये सारे पत्रकार News Click से जुड़े हैं।

पत्रकारों की गिरफ्तारी के खिलाफ पटना में आयोजित मार्च में भाकपा-माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, जदयू के मुख्य वक्ता नीरज कुमार, बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, सीपीएम नेता अरूण कुमार मिश्रा, प्रकाश लुईस, सत्यनारायण मदन, राजाराम सिंह, केडी यादव, मीना तिवारी, धीरेन्द्र झा, शशि यादव सहित शहर के कई पत्रकारों-बुद्धिजीवियों और शिक्षकों ने हिस्सा लिया.

दीपंकर ने इस मौके पर कहा कि मोदी सरकार का स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता पर लगातार हमला जारी है. जिन पत्रकारों के घरों पर दिल्ली पुलिस ने छापा मारा है, वे दशकों से निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जाने जाते हैं और हमेशा से ही सत्ता को आईना दिखाने का काम करते रहे हैं.

ऐसे पत्रकारों पर छापेमारी करके केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाली दिल्ली पुलिस न केवल इन पत्रकारों को जनसरोकारों के पक्ष में खड़े रहने के लिए धमकाने की कोशिश कर रही है बल्कि वह, इनसे इतर भी जो पत्रकार जनसरोकारों से जुड़े हैं, उन्हें भी भयाक्रांत करने की कोशिश कर रही है. इससे साफ है कि केंद्र की मोदी सरकार देश में केवल अपना गुणगान करने वाला चारण मीडिया चाहता है, जिसे लोकप्रिय तौर पर गोदी मीडिया कहा जा रहा है.

नीरज कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार की इस कार्यवाही के बाद दुनिया भर में प्रेस स्वतंत्रता के मामले में देश की साख और रसातल को जाएगी. हम तत्काल मीडिया की स्वतंत्रता पर हमले की इस कार्यवाही को रोके जाने की मांग करते हैं. धरातल की हलचल के संदेशों को सामने लाने वाले संदेशवाहक मीडिया का शिकार करने के बजाय, मोदी सरकार को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए और इस मुल्क में बीते साढ़े नौ साल से बरपाई गयी तबाही के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए.

पत्रकार हेमंत कुमार ने कहा, नरेंद्र मोदी जी पत्रकारों से गुलामी का पट्टा लिखवाना चाहते हैं। जो उनकी गुलामी नहीं करना चाहते हैं,उनकी आवाज दबाने के लिए मोदी सरकार की एजेंसियां उनके संस्थानों और घरों पर छापेमारी करती हैं। उनके खिलाफ फर्जी मुकदमे करती है। यह सरकार लोकतंत्र और स्वतंत्र प्रेस का गला घोंटने की दिशा में बढ़ रही है। इनके खिलाफ मजबूती से खड़ा होने और लड़ने की जरूरत है।

मार्च में विधायक संदीप सौरभ, महानंद सिंह, गोपाल रविदास, अभय पांडेय, कमलेश शर्मा, संतोष सहर, संतोष आर्या, पुनीत, गालिब, दिव्या गौतम, विकास यादव, कुमार दिव्यम, निशांत कुमार सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे.