- पुलिस बार-बार बदल रही बयान, मंत्री कर रहे गोली चलाने का बचाव….
- न्यायिक जांच से सामने आयेगा बर्बरता का सच, आश्रितों को मिले मुआवजा…
- शिक्षा मंत्री 22 दिनों से नहीं आ रहे आफिस, उन्हें हटायेंगे या मुख्य सचिव को ?…
- राजद-जदयू के सांसदों को मणिपुर से पहले बेगूसराय, कटिहार जाना चाहिए था…
स्टेट डेस्क/पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य में महिलाओं से बर्बरता की घटनाएं बढ रही हैं, बिजली मांगने पर गोली चलायी जा रही है, शिक्षक की नौकरी मांगने पर लाठी चार्ज किया जाता है , मंत्री पुलिस ज्यादती को जायज ठहराते हैं, शिक्षा विभाग प्रशासनिक अराजकता झेल रहा है और शिक्षा मंत्री 22 दिनों से कार्यालय नहीं आ रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार ने सारे मुद्दों पर चुप्पी साध ली है।
उन्होंने कहा कि राजद और जदयू के सांसदों को मणिपुर से पहले बेगूसराय और कटिहार जाना चाहिए था। मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री यदि शिक्षा विभाग के अवर मुख्य सचिव को नहीं हटा सकते, तो शिक्षा मंत्री को ही हटा कर विभाग की जिम्मेदारी अपने प्रिय अधिकारी को सौंप दें।
उन्होंने कहा कि कटिहार गोली कांड की न्यायिक जांच करायी जाए, मृतकों के परिवार को 10-10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए और राज्य में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। मोदी ने कहा कि कटिहार गोलीकांड के बाद पुलिस लगातार बयान बदल रही है। पहले कहा कि किसी की मौत नहीं हुई, फिर दो लोगों के मरने की बात स्वीकार की, लेकिन अब हमेशा की तरह कहा जा रहा है कि मौतें भीड़ में से किसी के गोली चलाने से हुई।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने जो वीडियो जारी किया है, वह फर्जी हो सकता है। उसमें भी किसी व्यक्ति के हथियार चलाने की बात स्पष्ट नहीं है। ऐसे मामले का सच न्यायिक जांच से ही सामने आएगा। मोदी ने कहा कि कटिहार में लोग स्थानीय प्रशासन को पहले सूचना देकर बिजली के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे थे। उनसे बात कर स्थिति को बिगड़ने से बचाया जा सकता था, लेकिन लाठी में तेल पिलाने वालों की अहंकारी सरकार ने गोली चलवा दी।