Patna : नीतीश कुमार ने प्रदेश को खेती किसानी में एक नंबर पर खड़ा करने के लिए तैयारी का लिया जायजा

पटना

Desk : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में चतुर्थ कृषि रोड मैप की तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक हुयी। बैठक में चतुर्थ कृषि रोड मैप के सूत्रण हेतु संबंद्ध 12 विभागों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। कृषि विभाग के सचिव एन सरवन कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से अब तक के तीनों कृषि रोड मैप की उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चतुर्थ कृषि रोड मैप के सूत्रण के लिये विशेषज्ञ समिति का गठन कर प्राथमिकतायें तय की गयी है। इससे होगा यह कि कृषि के क्षेत्र में और अधिक उपलब्धि हासिल किया जा सकेगी। उन्होंने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की उपलब्धियों की भी जानकारी दी।

सहकारिता विभाग की सचिव बंदना प्रेयसी, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौंड्रिक, लघु जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव रवि मनु भाई परमार, जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश कुमार मेहरोत्रा, गन्ना उद्योग विभाग के सचिव नर्मदेश्वर लाल तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने अपने-अपने विभाग की उपलब्धियों एवं चतुर्थ कृषि रोड मैप के लिये प्राथमिकताओं के संबंध में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के हित के लिये हमलोग वर्ष 2008 से ही कृषि रोड मैप के माध्यम से लगातार काम कर रहे हैं ताकि कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों का तेजी से विकास हो सके। राज्य की 75 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। हर खेत तक सिंचाई पहुंचाने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है। हर घर तक बिजली पहुंच गयी है और किसानों को भी बिजली उपलब्ध करायी जा रही है। राज्य बाढ़ और सुखाड़ दोनों आपदा से प्रभावित रहता है। बाढ़ एवं सुखाड़ से बचाव के लिये कई दीर्घकालिक कदम उठाये गये हैं। बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति में प्रभावितों को हम लोग हरसंभव मदद उपलब्ध कराते हैं। हमारा मानना है कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। देश में जितना क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित है, उसका 73 प्रतिशत बिहार का है।

सीएम ने कहा कि समेकित चौर विकास कार्यक्रम को बढ़ावा दें और तेजी से काम करें, इससे चौर क्षेत्र के किसानों को फायदा होगा। पशु संसाधनों के विकास के तहत गाय को बढ़ावा दें। गाय का दूध काफी उपयोगी एवं फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि राज्य में उसना चावल खाने वालों की संख्या अधिक है। उसना चावल मिलों की संख्या बढ़ायें ताकि उसना चावल अधिक से अधिक उपलब्ध हो सके। भूमि विवाद के कारण अपराध की कई घटनायें होती हैं। गड़बड़ करनेवालों पर कार्रवाई होती है। भूमि का आपसी विवाद खत्म होना जरूरी है। सर्वे और सेटलमेंट का काम तेजी से पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि बिहार से झारखण्ड के अलग होने के बाद राज्य का हरित आवरण 9 प्रतिशत था। हरित आवरण बढ़ाने के लिये बड़ी संख्या में पौधारोपण कराया गया। राज्य का हरित आवरण 17 प्रतिशत तक पहुंचाने के लिये तेजी से काम करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि रोड मैप से 12 विभाग संबद्ध है। कृषि रोड मैप का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लक्ष्य के मुताबिक कार्यों का सही विशलेषण एवं आंकलन करें। तीनों कृषि रोड मैप की कई उपलब्धियाँ हैं लेकिन इसके अलावा कहीं कुछ और कमी है, उसे दूर करें और चौथे कृषि रोड मैप के लिये बेहतर कार्ययोजना एवं लक्ष्य निर्धारित करें। लोगों की आमदनी बढ़े, राज्य का विकास हो, इसके लिये सभी ठीक से काम करें। बैठक में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के पूर्व महानिदेशक सह मुख्यमंत्री के पूर्व कृषि सलाहकार डॉ० मंगला राय ने भी संबोधित किया। बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा तथा योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री तथा गन्ना उद्योग मंत्री आलोक कुमार मेहता,

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मो० अफाक आलम, सहकारिता मंत्री सुरेन्द्र प्रसाद यादव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह, कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत, उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ, लघु जल संसाधन मंत्री जयंतराज, मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी मनीष कुमार वर्मा, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव सह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ सहित 12 संबद्ध विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ० राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर के कुलपति सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।