उपभोक्ता छह माह के अंदर सुविधा ऐप के माध्यम से अपने कनेक्शन का लोड बढ़ा लें…..
स्टेट डेस्क/पटना : बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी की अनुषंगी दोनों डिस्कॉम कंपनियों निर्णय किया है कि विद्युत उपभोक्ताओं को निर्धारित लोड से अधिक डिमांड होने पर पेनाल्टी के तौर पर लगने वाले अतिरिक्त शुल्क से राहत दी जाएगी।
उपभोक्ता को केवल उपयोग किए गये वास्तविक भार के हिसाब से भुगतान करना होगा। अब उपभोक्ताओं को स्वीकृत भार से अधिक भार दर्ज होने पर छह माह तक कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। स्वीकृत भार से ज्यादा भार होने पर उपभोक्ताओं को मैसेज से अलर्ट किया जाएगा। अपने स्वीकृत भार को बढ़ाने का अनुरोध मैसेज से किया जाएगा।
स्वीकृत भार को बढ़ाने के लिए उपभोक्ता छह माह के अंदर सुविधा ऐप के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उपभोक्ताओं को कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं होगी।
हंस ने कहा की स्मार्ट प्रीपेड मीटर के उपभोक्ताओं से सेक्युरिटी चार्ज नहीं लिया जाएगा। शहरी क्षेत्र के स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ता सुविधा ऐप के माध्यम से अपनी जमा की हुई सेक्युरिटी राशि को वापस लेने के लिए आवेदन कर सकते है, ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिए यह सुविधा इस माह के अंत तक शुरू की जाएगी।
उन्होने एजेंसियों को नए स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं को तीन दिनों के अंदर वेलकम मैसेज भेजने का निर्देश दिया है।
साथ ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद पूर्व की बकाया राशि पर लगने वाले डिले पेमेंट सरचार्ज (DPS) की एकमुश्तकटौती नहीं की जाएगी। जिन उपभोक्ताओं के पूर्व की बकाया राशि बहुत अधिक होने के कारण उनकी दैनिक किस्त अधिक हो जाती थी, इस कारण उपभोक्ताओं को राहत देने हेतु उनकी दैनिक किस्त की राशि कम करने के लिए उनके लिए दैनिक किस्तों की अवधि बढ़ाने का निर्णय भी लिया गया ।
हंस ने कहा की एल०टी० उपभोक्ताओं के पावर फैक्टर 0.9 से कम रहने पर पेनाल्टी नहीं लिया जाए, इसके लिए डिस्कॉम कंपनियां विनियामक आयोग में अपील करेंगी। बैठक में साउथ बिहार पावर डिस्ट्रब्यूशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक महेन्द्र कुमार, नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. आदित्य प्रकाश और अन्य वरीय पदाधिकारी मौजूद थे।
बीएसपीएचसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक संजीव हंस ने कहा कि विद्युत कंपनिया उपभोक्ता के हितों का ध्यान रख रही हैं। उनकी परेशानियों का ख्याल करना हमारा फर्ज है। आज हम उनकी बदौलत ही देश में लाभ कमाने वाली बिजली कंपनियों की सूची में शुमार हुए हैं। डिस्कॉम कंपनियों ने अपने पुनर्गठन के 11 साल में विगत वित्तीय वर्ष में 214 करोड़ रुपये का लाभ कमाए हैं।
अब घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को आज की बैठक में किए गए फैसले से काफी राहत मिलेगी। उपभोक्ताओं की अतिरिक्त चार्ज लगने की शिकायत भी दूर होगी। बिजली विभाग द्वारा लगाए जाने वाले शुल्क के बारे में भी उपभोक्ता जागरूक हो पाएंगे।