State Desk : राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ( एनएचआरसी ) की स्वायत्तता पर सवाल उठाते हुए कहा कि केन्द्र की अन्य स्वायत्त संस्थाओं की तरह राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी अब “सेलेक्टिव” हो गया है। इसका ध्यान उन राज्यों पर नहीं जाता जहां भाजपा की सरकार है या सरकार में भाजपा शामिल है। जबकि 1993 में इसका गठन एक स्वायत्त विधिक संस्था के रूप में किया गया था।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि जहरीली शराब पीने से बिहार में हुई दुर्भाग्यपूर्ण मौतों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा बिहार सरकार को नोटिस जारी करना न केवल उसके संवैधानिक स्वरूप के विरुद्ध है बल्कि उसे भाजपा के एजेंसी के रूप में स्थापित करता है। चूंकि बिहार के पहले इसी वर्ष 2022 के जुलाई में गुजरात के राजकोट में जहरीली शराब पीने से 57 लोगों की मौत हो चुकी है।
इसी प्रकार जहरीली शराब पीने से भाजपा शासित मध्य प्रदेश में 1214 , कर्नाटक में 909, हरियाणा में 476 , उत्तर प्रदेश में 291 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन उन राज्यों में हु मौतों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान नहीं लिया। पर बिहार सरकार को इसलिए नोटिस जारी किया गया क्योंकि यहां भाजपा को सरकार से बाहर कर दिया गया है।