Desk : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पटना स्थित ज्ञान भवन में बुधवार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पंचायती राज विभाग के लगभग 3500 पंचायत सचिव, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी और पॉलिटेक्निक कॉलेज के सहायक प्राध्यापकों को नियुक्ति पत्र दिया।
बिहार विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को घोटाला बताया है। सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार पहले से पोस्टेड कर्मियों को फिर से नियुक्ति पत्र प्रधान कर घोटाला कर रहे हैं। वहीं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अपने जन्मदिन के अवसर पर भी बिहार के युवाओं को झूठ बोलकर गुमराह कर रहे हैं
वहीं आंकड़ों का हवाला देकर सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार एसएससी के द्वारा 11329 लोगों की बहाली की गई थी। इसमें राजस्व कर्मी पंचायत सचिव, एलडीसी, वन विभाग के कर्मी तथा अन्य सरकारी विभागों के कर्मियों/ अधिकारियों को बहाल किया गया था ।
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि हमारे विभाग में 26 जून को 3162 पंचायत सचिवों की बहाली की गई। 15 जुलाई को विधिवत उन्हें पत्र देकर पोस्टिंग कर दी गई । यह दुर्भाग्य की बात है कि आज फिर से सीएम और डिप्टी सीएम ने उन्हीं लोगों को नियुक्ति पत्र देकर बिहार की जनता को गुमराह किया है। एनडीए सरकार के समय जो बहाली शुरू की गई थी या पूरी कर ली गई थी उसी का पत्र बांट कर नीतीश कुमार नौकरी देने का दावा कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार बार-बार तेजस्वी को गले लगा रहे हैं। इसका मतलब दाल में कुछ काला है। लग रहा है कि तेजस्वी यादव भाग रहे हैं और नीतीश कुमार उन्हें पकड़ रहे हैं। सम्राट चौधरी ने कहा कि मुख्य नीतीश कुमार को मुखिया बराबर पावर भी नहीं है। वह सुपर सीएम के गोद में खेल रहे हैं और खुद को बचा रहे हैं। ऐसा करते हुए बिहार की जनता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
बुधवार के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह पर तंज कसते हुए कहा कि पहले से बाहर लोगों को किस्तों में फिर से नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है। सम्राट चौधरी ने कहा कि जिन प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारियों को पत्र दिया गया है उन्हें 3 अगस्त को ही बहाल कर दिया गया था। पूर्व मंत्री ने पूछा कि बीते 3 महीने में सरकार ने बहाली की कितनी प्रक्रिया शुरू की है, सीएम को इसका जवाब देना चाहिए।