स्टेट डेस्क/पटना : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि केन्द्र की भाजपा नेतृत्व वाली मोदी सरकार की ओर से सांसदों के बीच वितरित किये गये ‘भारतीय संविधान’ की किताब से समाजवादी-धर्मनिरपेक्ष शब्द हटा दिए गये हैं।
इससे साबित होता है कि मोदी सरकार भारतीय संविधान को बदलना चाहती है और आरएसएस के संविधान को देश पर थोपना चाहती है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मोदी सरकार द्वारा भारतीय संविधान की उद्देशिका से धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्द हटाये जाने की तीखे शब्दों में निंदा करती है।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा सांसदों के बीच वितरित की गई भारतीय संविधान की अंग्रेजी प्रतियों में से दो शब्द धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी गायब हैं। जबकि संविधान का 42वां संशोधन कर 1976 में संविधान की उद्देशिका में दो शब्द धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्द जोड़े गये थे। उन्होंने कहा कि संविधान में बिना कोई संशोधन किए ही मोदी सरकार ने धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्द हटा दिया है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी इसकी निंदा करती है और संविधान में धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्द जोड़ने की मांग करती है। साथ ही सांसदों के बीच वितरित की गई संविधान की प्रतियां वापस लेने और देश की जनता से माफी मांगने की मांग करती है।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि मोदी सरकार राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के एजेंडे को लागू कर रही है। आरएसएस शुरू से ही भारतीय संविधान को बदलने की मांग करता रहा है। देश की जनता मोदी सरकार द्वारा भारतीय संविधान बदलने की कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेगी और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से हटाकर बदला लेगी।