पटना सुशील मोदी ने कहा, गुजरात की तरह बिहार में भी परमिट पर बिके शराब, 4 लाख मुकदमे वापस लेकर माफी दे सरकार!

पटना

लगातार शिशिल होता पूर्ण शराबबंदी कानून बेअसर

  • अब बीमा राशि का 10 वसूल कर छूटेंगे शराब ढोने वाले वाहन
  • गुजरात की तरह पर्यटकों, बीमारों के लिए शराब का परमिट जारी किया जाए

स्टेट डेस्क/पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्ससभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पूर्ण मद्यनिषेध कानून को छह साल में जब इतना शिथिल कर दिया गया कि यह बेअसर हो चुका है, तब राज्य सरकार को शराबबंदी संबंधी 4 लाख से ज्यादा मुकदमों को वापस लेते हुए आम माफी का एलान भी कर देना चाहिए।

अब बिहार में गुजरात की तरह परमिट व्यवस्था लागू करनी चाहिए, ताकि बीमार लोगों को मेडिकल ग्राउंड पर और पर्यटकों के लिए सीमित मात्रा में शराब की आपूर्ति आसान हो सके।

उन्होंने कहा कि यदि अपनी जिद छोड़ कर नीतीश कुमार शराब की परमिट व्यवस्था लागू करें, तो राजस्व बढेगा, तस्करी पर अंकुश लगेगा और पर्यटन उद्योग में रोजगार के अवसर भी बढेंगे।

मोदी ने कहा कि शराबबंदी संबंधी मुकदमे वापस लेने से जहां दलित, पिछड़े और अतिपिछड़े वर्ग के लाखों गरीबों को राहत मिलेगी, वहीं अदालतों पर मुकदमों का बोझ कम होगा। शराबखोरी के चलते जो लोग पहली बार जेल गये, उन्हें रिहा किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पहले शराब पायी जाने पर वाहन जब्त करने का नियम था, फिर इसे शिथिल करते हुए वाहन बीमा राशि का 50 फीसद जुर्माने के तौर पर भरकर वाहन छोड़ने का नियम बना। अब बीमा राशि का मात्र 10 फीसद जमा कर शराब ले जाते पकड़ा गया वाहन छुड़ाया जा सकता है।

मोदी ने कहा कि नियमों में लगातार नरमी से भी साफ है कि राज्य सरकार पूर्ण शराबबंदी लागू करने में विफल है।उन्होंने कहा कि 2016 में एक बोतल शराब मिलने पर मकान और वाहन जब्त करने का कानून था, आज शराब माफिया के दबाव में मामूली जुर्माना लगाने पर आ गये।