पटना : बीजेपी ने लाठीचार्ज में जिसकी मौत की खबर फैलाई,वह डाक-बंगला चौराहे पर नहीं छज्जूबाग में बेहोश होकर गिरे!

पटना

स्टेट डेस्क/पटना : विधानसभा मार्च के दौरान पुलिस लाठीचार्ज से बीजेपी के एक नेता विजय सिंह की मौत के दावे पर सवाल खड़ा हो गया है! पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा है कि विजय सिंह डाकबंगला चौराहे पर थे ही नहीं, इसलिए लाठीचार्ज से उनकी मौत की बात सही नहीं है!

उन्होंने कहा है कि सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि जिस वक्त डाक-बंगला चौराहे पर लाठीचार्ज हुआ था ,उस वक्त विजय सिंह छज्जूबाग सड़क पर जाते हुए दिख रहे थे। उनके साथी भरत प्रसाद चन्द्रवंशी के बयान के आधार पर पुलिस ने इलाक़े के सीसीटीवी की जांच की तो यह तथ्य सामने आया। इसबीच डीएम चंद्रशेखर सिंह ने मृतक विजय सिंह का पोस्टमार्टम करने के लिए मेडिकल बोर्ड गठित कर दिया है। उन्होंने एडीएम लॉ एंड आर्डर और सिटी एसपी से संयुक्त जांच रिपोर्ट भी मांगी है।

एसएसपी ने मीडिया को जारी बयान में कहा है कि सीसीटीवी से यह पता चला है कि विजय सिंह दोपहर बाद एक बजकर 22 मिनट पर गांधी मैदान, पटना के जेपी गोलंबर से निबंधन कार्यालय, छज्जूबाग की तरफ जा रहे हैं, जो डाकबंगला रोड से अलग है। एक बजकर 27 मिनट पर उसी रास्ते में दुर्गा अपार्टमेन्ट के सामने एक खाली रिक्शा दिखता है, उसी रिक्शा से वे एक बजकर 32 मिनट पर तारा हॉस्पीटल पहुंचते हैं। घटनास्थल दुर्गा अपार्टमेंट के निकट से तारा हॉस्पीटल जाने में रिक्शा से लगभग पांच मिनट का समय लगता है।

इससे यह स्पष्ट होता है कि विजय सिंह के साथ घटना एक बजकर 22 मिनट से एक बजकर 27 मिनट के बीच छज्जूबाग क्षेत्र में ही हुई है। इस बीच वे डाकबंगला पहुंच भी नहीं सकते थे, जहां पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लगभग एक बजे हल्का बल प्रयोग हुआ था। छज्जूबाग क्षेत्र में कोई पुलिस बल नहीं था।

यद्यपि छज्जूबाग में उक्त घटनास्थल सीसीटीवी कैमरा से आच्छादित नहीं पाया गया, परंतु उससे 50 मीटर पहले कैमरा में उनका आवागमन दिख रहा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि विजय सिंह की मृत्यु पुलिस के लाठीचार्ज से नहीं हुई है। उनके शरीर पर कोई चोट का निशान भी नहीं पाया गया है। मृत्यु का वास्तविक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा।

प्रशासन की जुबानी भाजपा के प्रदर्शन की कहानी…

प्रशासन ने विधानसभा मार्च की कहानी भी बताई है। कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के विधान सभा मार्च के दौरान गांधी मैदान से बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी आगे बढ़ रहे थे। उन्हें जेपी गोलंबर के पास प्रशासन ने रोकने का प्रयास किया। परन्तु वे लोग नहीं माने और आगे बढ़ते गये। डाकबंगला चौराहा पर प्रशासन ने नाकेबंदी कर रोकने का प्रयास किया। परन्तु प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिया।

प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने पानी का बौछार एवं आंसूगैस के गोले छोड़े। परन्तु प्रदर्शनकारी नहीं मान रहे थे। वे ज़बरदस्ती बैरिकेड तोड़ कर आगे बढ़ने लगे।
उनसे आगे नहीं जाने का बार-बार आग्रह किया जा रहा था। क्योंकि डाकबंगला चौराहा से आगे प्रतिबंधित क्षेत्र है, जहां विभिन्न राजनैतिक दलों के कार्यालय, माननीय उच्च न्यायालय, राजभवन, विधानसभा इत्यादि अवस्थित है।
अतः प्रदर्शनकारियों को प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उन्हें तितर -बितर किया।

इस बीच सूचना मिली कि जहानाबाद के एक व्यक्ति की पीएमसीएच में मृत्यु हो गई है। उनके साथी भरत प्रसाद चन्द्रवंशी, जो जहानाबाद के निजामुदीपुर के रहने वाले हैं, ने बताया कि वे लोग कार्यक्रम स्थल पहुंचे भी नहीं थे कि पता चला वहां भगदड़ हो गई है। और बहुत लोग उधर से वापस भाग रहे थे, इसी बीच विजय सिंह बेहोश हो कर गिर गये। हमलोग उन्हें तुरंत तारा हॉस्पिटल ले गये। फिर वहां से उन्हें एम्बुलेंस द्वारा पीएमसीएच ले जाया गया जहां थोड़ी देर बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

विजय सिंह के शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं पाया गया है। दण्डाधिकारी के समक्ष मृतक विजय सिंह का अंत्यपरीक्षण (इन्क्वेस्ट) किया गया। जिलाधिकारी ने मेडिकल बोर्ड गठित कर मृतक का पोस्टमार्टम और संपूर्ण पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराने का निदेश दिया है। इसके बाद ही मृत्यु का वास्तविक कारण की जानकारी मिल सकती है। सीसीटीवी फ़ुटेज से भी पूरे मामले की जांच की जा रही है। ज़िलाधिकारी ने पूरे घटनाक्रम पर अपर ज़िला दंडाधिकारी विधि-व्यवस्था पटना और नगर पुलिस अधीक्षक, मध्य से 24 घंटे के अंदर संयुक्त जांच प्रतिवेदन की मांग की है।