*आयाम के आठवें वार्षिकोत्सव में ऋतुपर्ण ने कहा,
लोकसाहित्य और कथा का समाज से गहरा नाता…
स्टेट डेस्क/पटना : वो नानी की बातों में परियों का डेरा …वो छोटी सी रातें वो लंबी कहानी … कथा , कहानी , नानी और बचपन , इनका बड़ा गहरा नाता है एक दूसरे से । सदियों से इंसानियत की नींव जब तैयार हो रही होती, तब लोककथाओं की अहम भूमिका रही है।
परवर्ती काल में इसे ही लोकसाहित्य का दर्जा मिला! आज जब दुनिया की पूरी स्त्री जाति शर्मशार है तब अपने उम्र के आठवें सोपान पर खड़ा साहित्यिक संस्था “आयाम : साहित्य का स्त्री स्वर ” एक बार फिर से लोकसाहित्य और कथा के जरिए इंसानियत को जगाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि कथा कहानी का स्त्री स्वर से गहरा नाता रहा है।
आयाम के आठवें वार्षिकोत्सव का उद्घाटन करते हुए के के बिड़ला फाउंडेशन के निदेशक डॉ सुरेश ऋतुपर्ण ने कहा कि लोकसाहित्य और कथा का समाज से गहरा नाता है । मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए तिलका मांझी विश्वविधालय की पूर्व कुलपति प्रो डॉ प्रेमा झा ने लोकसाहित्य को ही साहित्य का जनक बताया। वरिष्ठ कवि एवं संपादक अरुण देव ने कहा कि कथा परंपरा भारतीय संस्कृति की रीढ़ है , वरिष्ठ साहित्यकार सुषमा मुनीन्द्र ने भी इस अवसर पर अपनी बात रखी , उन्होंने कहा कि आज भी कथा परंपरा को जीवित रखने की जरूरत है , यह पीढ़ियों को जोड़ने का काम करती है ।
आयाम की अध्यक्ष पद्मश्री डॉ उषाकिरण खान ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि बिहार लोकसाहित्य की भूमि है , बाबा नागार्जुन और फणीश्वर नाथ रेणु इसके उदाहरण हैं
संगोष्ठी के प्रथम सत्र में क्रमशः उमा झुनझुनवाला एवं डॉ कुमार विमलेंदु ने कथा वाचन किया। द्वितीय सत्र में आउटलुक के संपादक गिरिधर झा ने लोकसाहित्य को प्राचीन काल में खबरों का जरिया बताया , वहीं वरिष्ठ रंगकर्मी तनवीर अख्तर ने लोकसाहित्य को रंगमंच की आत्मा बताया , उन्होंने कहा की सदियों से रामलीला का मंचन इसका एक उदाहरण है। इसमें सवाल जवाब का सत्र भी चला।
कार्यमक्रम का आरंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं अतिथियों के सम्मान के साथ हुआ। इस अवसर पर आयाम की पत्रिका का विमोचन हुआ , जो निवेदिता झा , डॉ सुनीता गुप्ता , डॉ अर्चना त्रिपाठी , डॉ वीणा अमृत एवं ज्योति स्पर्श के अथक प्रयास से संभव हुआ , साथ ही बिंदु सिन्हा की पुस्तक ,पद्मश्री डॉ ऊषा किरण खान द्वारा संपादित,का लोकार्पण उनकी पुत्री श्रीमती माला सिन्हा ने किया। आयाम की सचिव डॉ वीणा अमृत ने संस्था का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
स्वागत निवेदिता झा ,मंच संचालन भावना शेखर एवं धन्यवाद ज्ञापन शाइस्ता अंजुम ने किया। इस अवसर पर आयाम परिवार की वरिष्ठ सदस्या प्रो डॉ शांति शर्मा , श्रीमती विद्या चौधरी , डॉ नीलिमा सिन्हा , सौम्या सुमन के साथ पूरा आयाम परिवार उपस्थित था । आयाम के वार्षिकोत्सव में शहर के जाने माने साहित्यकार आलोक धन्वा ,अरुण कमल भी उपस्थित थे