स्टेट डेस्क/पटना: साहित्यक संस्था आयाम ने मणिपुर में तीन माह से जारी हिंसा और महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार के लिए पूरी तरह सरकार को जिम्मेदार बताया है। संस्था के वार्षिकोत्सव के अवसर पर मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा, महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़क को संरक्षण और बिल्किस बानों के बलात्कारियों की रिहाई के खिलाफ प्रस्ताव पास किया!
प्रस्ताव में कहा गया है , पिछले तीन महीने से मणिपुर जल रहा है। वहां दो समुदायों के बीच भयानक हिंसा हो रही है। सात हज़ार लोग बेघर हो गये हैं। पिछले 4 मई को बहुत ही वीभत्स घटना घटी है, दो महिलाओं को सरेआम नंगा कर के पूरे गांव में घुमाया गया, उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। हजारों की भीड़ ने इस भयानक कृत्य को अंजाम दिया।
साहित्यिक संस्था आयाम इस घटना के लिए पूरी तरह सरकार को जिम्मेदार ठहराती है। मणिपुर की महिलाओं और प्रभावित लोगों के प्रति हम संवेदना प्रगट करते हैं। ऐसे क्रूर और जघन्य अपराध को माफ नहीं किया जा सकता है। साहित्य का काम है समाज में ऐसी घटनाओं के खिलाफ आवाज देना। मर्दों की भीड़ से घिरी उन निर्वस्त्र औरतों के लिए आज बोलना होगा।
हम मांग करते है , बलात्कारियों को जल्द से जल्द सजा मिले।
मणिपुर में हो रही हिंसा पर तुरंत नियंत्रण किया जाय।
हम, इसके साथ ही बिल्किस बानो के बलात्कारियों के रिहा किए जाने और महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण की घटना की निंदा करते हैं। देश में लगातार महिलाओं के साथ हिंसा बढ़ी है। ये शर्मनाक है कि इस तरह के जघन्य अपराध के खिलाफ जब महिलाएं आवाज उठाती हैं तो उन्हें ही अपराधी घोषित कर दिया जाता है। ऐसे अपराध को सत्ता का संरक्षण मिलना शर्मनाक है।
आयाम महिलाओं के विरुद्ध हो रहे सभी तरह के अपराध और हिंसा के खिलाफ है। हम मांग करते हैं कि बिल्किस के अपराधियों को फिर जेल भेजा जाय। महिला पहलवानों को न्याय मिले। देश के सभी साहित्यकार, कलाविद, रंगकर्मी ऐसी घटनाओं के खिलाफ आगे आएं और न्याय के लिए आवाज दें।