पीके ने दलित चेहरा पर लगाया दांव, रिटायर्ड आइएफएस अफसर इंजीनियर मनोज भारती बने जनसुराज के अध्यक्ष

पटना

पीके बोले-लालू ने सम्मान दिलाया, नीतीश ने दी सड़क और बिजली, मोदी ने दिया सिलिंडर,हम देंगे शिक्षा और रोजगार

स्टेट/पटना: राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गांधी जयंती के अवसर पर बधवार , 2 अक्टूबर को अपनी पार्टी लांच कर दी। उन्होंने दलित समुदाय से आने वाले एक रिटायर्ड आइएफएस अफसर मनोज भारती को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। भारती मधुबनी जिला के निवासी हैं। आइआइटी कानपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले भारती की स्कूली शिक्षा नेतरहाट आवासीय विद्यालय से हुई थी।

उन्होंने आइआइटी, दिल्ली से एम-टेक किया है। इस लिहाज से देखें तो कम पढाई-लिखाई के कारण नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को नौंवी फेल बताकर उनकी आलोचना करने वाले प्रशांत किशोर ने ज्यादा शिक्षित व्यक्ति को अपनी पार्टी का अध्यक्ष बनाया है। लेकिन इसमें पेंच यह है कि उनके अध्यक्ष की कोई राजनीतिक-सामाजिक पहचान नहीं है। वह एक गैर राजनीतिक व्यक्ति हैं। लेकिन पहले से जैसी चर्चा थी कि किसी दलित को अध्यक्ष बनाया जायेगा। वह सही साबित हुई। पीके ने कहा कि अगले साल मार्च में स्थायी अध्यक्ष का चुनाव होगा।

पटना के वेटेनरी कॉलेज ग्राउंड में बुधवार को आयोजित समारोह में पार्टी अध्यक्ष का नाम घोषित करते हुए ,प्रशांत किशोर ने कहा, जब उन्होंने कहा था कि वो नेता नहीं बनेंगे तो लोगों ने कहा कि आपके जितना काबिल आदमी कैसे मिलेगा! मनोज भारती हमसे ज्यादा काबिल हैं। प्रशांत किशोर आईआईटी नहीं गये हैं, मनोज भारती गये हैं। प्रशांत किशोर आईएफएस नहीं बने, मनोज भारती आईएफएस रहे हैं।

मीडिया से बातचीत में प्रशांत किशोर ने प्रमुख पार्टियों के प्रदेश अध्यक्षों का नाम लेते हुए कहा था, जब उनके अध्यक्ष का नाम सामने आएगा तो सब चौंक जाएंगे। प्रशांत ने कहा था कि उनकी पार्टी के अध्यक्ष की बाकी अध्यक्षों से तुलना होगी तो सबको गर्व होगा।’

प्रशांत से पूछा जा रहा था, ‘तुम्हारी पॉलिटिक्स क्या ै पीके!’ तो आज उन्होंने साफ किया कि उनकी विचारधारा ‘मानवता’ है! मानवता कौन-सी राजनीतिक विचारधारा है,इसकी व्याख्या प्रशांत ने फिलहाल नहीं की है। लेकिन राजनीति में इसे विचारहीनता का ‘विचार’ कहा जाता है!

इस तरह की विचारधारा प्रायः मेहनतकश जनता के खिलाफ खड़ी हो जाती है। प्रशांत किशोर ने अपने संबोधन में किसी प्रकार की राजनीतिक चर्चा नहीं की। भाजपा,जेडीयू या ाजद पर खुलकर कुछ नहीं कहा। भाजपा पर उनकी चुप्पी पर पहले से सवाल उठते रहे हैं।

प्रशांत किशोर ने अपने संबोधन में बताया कि चुनाव आयोग से जन सुराज को पार्टी के तौर पर मान्यता मिल गयी है। इस दौरान उन्होंने बिहार के लोगों के लिए कई घोषणा की। इसमें पांच एजेंडा शामिल है। उन्होंने कहा कि सभी अपने बच्चों का चेहरा याद करके बताएं कि उन्होंने पढ़ाई और रोजगार के नाम पर कभी वोट दिया है!

सब लोग चाहते हैं कि पढ़ाई और रोजगार चाहिए, लेकिन किसी ने इस मुद्दे पर वोट दिया ही नहीं। इन मुद्दों पर वोट देंगे तभी तरक्की होगी। प्रशांत किशोर ने कहा कि ऐसा बिहार बनाना है, जो देश भर में जाना जाए। उन्होंने कहा कि जन सुराज पार्टी की विचारधारा मानवता है। यहां सभी जाति के लोग आए हैं। बिहार की दुनया में पुरानी पहचान बनाएंगे।

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोगों ने पिछड़ों के सम्मान के लिए लालू यादव को वोट दिया। लालू राज में पिछड़ों को सम्मान तो मिला लेकिन सड़क और बिजली नहीं मिली। फिर नीतीश कुमार को सड़क और बिजली के लिए वोट दिया, नीतीश ने घर-घर बिजली पहुंचा दी भले ही बिल दोगुना हो गया। फिर मोदी को गैस सिलेंडर के लिए वोट दिया।

िलेंडर का दाम 1000 से ऊपर हो गया, लेकिन सिलेंडर हर घर तक पहुंच गया। आपने अनाज के लिए वोट दिया तो अनाज मिल रहा, बिजली के लिए वोट दिया तो बिजली भी मिल रही है, आवाज के लिए वोट दिया तो पिछड़ों को आवाज भी मिली है। मगर किसी ने अपने बच्चों की पढ़ाई और रोजगार के लिए वोट नहीं दिया। इसलिए बिहार के बच्चे अनपढ़ और मजदूर रह गए. एक बार पढ़ाई और रोजगार के लिए वोट देना होगा, बच्चों के विकास के लिए वोट देना होगा।

शराबबंदी खत्म करेंगे, वृद्धावस्था पेंशन 2 हजार देंगे

प्रशांत ने बिहार में 2016 से लागू शराबबंदी खत्म करने और वृद्धावस्था पेंशन 400 से बढ़ाकर दो हजार करने की घोषणा की। उन्होंने कहा, शराबबंदी खत्म करने से जो राजस्व आयेगा ,उससे शिक्षा और स्वास्थ्य ठीक करेंगे। महिलाओं को रोजगार के लिए चार प्रतिशत ब्याज पर ऋण देंगे। बैंकों को बिहार में ब्याज का अनपात 70 फीसदी तक करने को कहेंगे।