■ *जंतर-मंतर पर धरना दे रहीं महिला पहलवानों पर दमन करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करो.
■ आइसा-आरवाइए और ऐपवा के आह्वान पर आज पूरे बिहार में हुआ प्रतिवाद
■ राजधानी पटना में कारगिल चौक पर कैंडल मार्च, वीमेंस कॉलेज के सामने आइसा ने किया प्रदर्शन
स्टेट डेस्क/पटना : दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना दे रहीं ओलंपियन महिला पहलवानों के साथ विगत 3 मई ,2023 की रात दिल्ली पुलिस द्वारा गाली गलौज, बदतमीजी व धक्का मुक्की और समर्थन में बैठे पुरुष पहलवान का सर फोड़ देने के खिलाफ कुश्ती संध के अध्यक्ष व भाजपा सांसद यौन उत्पीड़क बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग पर सोमवार को आइसा-आरवाइए व ऐपवा के संयुक्त आह्वान पर पूरे राज्य में प्रतिवाद कार्यक्रम आयोजित किए गये. पटना के कारगिल चौक पर कैंडल जला कर महिला पहलवानों के समर्थन में एकजुटता जाहिर किया गया. बिहार के दर्जनों जिलों में प्रतिवाद हुआ. मुख्य रूप से दरभंगा, सहरसा, बेगूसराय, पटना ग्रामीण के बिहटा, पुनपुन, मोतिहारी, बेतिया, आरा, सिवान आदि जिला केंद्रों पर प्रतिवाद दर्ज किए गए.
पटना के कारगिल चौक पर आयोजित प्रतिवाद सभा को संबोधित करते हुए ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि ओलंपिक मेडल लाकर देश का मान ऊंचा करने वाली विनेश फोगाट, साक्षी मलिक आदि ने यौन उत्पीड़क कुश्ती संघ के अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह व कोच पर कार्रवाई की मांग पर लगातार धरना दे रही हैं. इसके पहले भी उन्होंने धरना दिया था और सरकार के आश्वासन व जांच कमिटी बनाए जाने के बाद खिलाड़ियों ने पिछला धरना खत्म किया था, लेकिन कोई कार्रवाई न होने के बाद ये फिर से धरना पर बैठे हैं.
खिलाड़ियों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण, नाबालिग लड़की के यौन शोषण, भ्रष्टाचार आदि कई आरोप लगाए हैं. काफी थू-थू होने के बाद अंततः पॉक्सो (नाबालिग का यौन शोषण) सहित महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोप में बृज भूषण सिंह पर एफआईआर हुआ है. हफ्ता भर बीत चुका है, लेकिन अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है.
उन्होंने आगे कहा कि बृज भूषण को न तो कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से हटाया गया है और न भाजपा से. बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले प्रधान मंत्री भी चुप्पी साधे बैठे हैं. केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी का भी मुंह नहीं खुल रहा है. उलटे महिला खिलाड़ियों पर हमले किए जा रहे हैं. यह बेहद शर्मनाक है.
ऐपवा की राज्य सचिव शशि यादव ने कहा कि हद तो यह है कि महिला पहलवानों का हालचाल जानने आईं दिल्ली राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को पुलिस घसीटकर थाने ले गई और धरनास्थल पर मौजूद पत्रकार साक्षी जोशी के कपड़े फाड़े और उन्हें भी थाने ले गई. धरना दे रहीं पहलवानों का अपराध यही था कि लगातार बारिश के कारण जमीन पर सोना संभव नहीं था और इसीलिए उन्होंने खाट मंगवाई थी. महिला खिलाड़ी एफआईआर के बाद भी कुश्ती संघ के अध्यक्ष भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी नहीं होने के कारण धरना जारी रखी हुई हैं.
आइसा के राज्य सह सचिव कुमार दिव्यम ने कहा कि आज देश के सामने भाजपा का स्त्री विरोधी मनुवादी चेहरा खुल कर सामने आ गया है. दुनियाभर में देश का नाम रौशन करने वाली बेटियाँ न्याय के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर बैठी हैं और ये भाजपा सरकार पुलिसिया दमन करवा कर न्याय का गला घोंट देना चाह रही है. न्याय की यह लड़ाई दिल्ली के जंतर-मंतर तक ही नहीं रुकेगी, बेटियों के न्याय के लिए हम पूरे देश को जंतर-मंतर में तब्दील कर देंगे. एफआईआर के बाद भी कुश्ती संघ के अध्यक्ष की गिरफ्तारी नहीं होना न्याय व्यवस्था पर भी सवालिया निशान खड़ा करता है. भाजपा खुलेआम नियम-कानून की धज्जियाँ उड़ा रही है. कार्यक्रम में ऐपवा की अनिता सिन्हा, शिक्षाविद ग़ालिब और बड़ी संख्या मे आइसा- RYA के कार्यकर्ता उपस्थित थे.