राबड़ी देवी, मीसा भारती को जमीन के बदले नौकरी मामले में मिली जमानत

पटना

विपिन कुमार। जमीन के बदले नौकरी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव के परिवार को बड़ी राहत दी है. अदालत ने इस केस में लालू यादव की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बेटी मीसा भारती, हेमा यादव और हृदयानंद चौधरी को नियमित जमानत दी है. मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े इस मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने चारों लोगों को शर्तों के साथ नियमित जमानत दी है. 

कोर्ट ने कहा कि जांच के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है. इसलिए अदालत को नियमित जमानत याचिका खारिज करने की वजह नजर नहीं आती है. इसलिए आरोपियों को नियमित जमानत दी जाती है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तीनों की नियमित जमानत याचिका पर जवाब दाखिल किया है. ईडी ने अदालत में कहा कि अगर इन लोगों को जमानत दी जा रही है, तो अपराध की गंभीरता को देखते हुए शर्तों के साथ जमानत दी जाए. 

सीबीआई का आरोप है कि 2004-2009 की अवधि के दौरान लालू यादव ने रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रुप डी पदों पर नियुक्ति के बदले अफने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीनें लिखवाईं. इस तरह उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए आर्थिक लाभ हासिल किया. रेलवे अधिकारियों ने उन सभी जमीन लिखवाने वाले सभी उम्मीदवारों को नौकरी के लिए आवेदन करने के तीन दिनों के भीतर ही नियुक्त कर दिया. जैसे ही जमीन ट्रांसफर होती है, वैसे ही इन सभी को बाद में नौकरी मिल जाती. 

इकोनॉमिक्स टाइम्स के मुताबिक, पटना के कई लोगों ने कथित तौर पर लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और पूर्व मुख्यमंत्री एवं उनके परिवार के जरिए कंट्रोल की जाने वाली एक प्राइवेट कंपनी के लिए राजधानी में अपनी जमीनें बेच दीं या उन्हें उपहार में दे दीं. आरोप लगाया कि जमीनों का ट्रांसफर मीसा भारती, हेमा यादव और राबड़ी देवी के नाम पर किया गया. जमीन देने वाले जिन लोगों को नियुक्त किया जाता था, उनकी नियुक्ति का पब्लिक नोटिस भी जारी नहीं होता था. 

वहीं, सीबीआई ने मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि वो दो हफ्ते में जमीन के बदले नौकरी मामले में अंतिम आरोपपत्र दाखिल करेगी. जांच एजेंसी ने अदालत के समक्ष कहा कि उसकी जांच नतीजे पर पहुंचने वाली है और वह अंतिम आरोपपत्र दाखिल करेगी. राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई को निर्णायक आरोप पत्र दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया. विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने एजेंसी को समय दिया और मामले को 14 मार्च के लिए सूचीबद्ध किया.