सीपीआई ने कहा, रौशन को रिहा करे, छात्र – नौजवानों की लड़ाई लड़ने वाले नेता के खिलाफ हुई है साजिश!

पटना

स्टेट डेस्क/पटना : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने अखिल भारतीय नौजवान संघ (ए॰आई॰वाई॰एफ) के राज्य सचिव सह राष्ट्रीय सचिव रौशन कुमार सिन्हा की गिरफ्तारी की निन्दा की है। पार्टी ने राज्य सरकार से मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। पार्टी के राज्य सचिव राम नरेश पाण्डेय ने बिहार के पुलिस महानिदेशक से कजरा थाना कांड संख्या 99/2022 और किउल रेल थाना कांड संख्या-68/2022 को अपने स्तर से जांच कराने और निर्दोंष रौशन कुमार सिन्हा को बरी करने की मांग की है।

रौशन कुमार सिन्हा की गिरफ्तारी एक गहरे राजनीतिक षड़यंत्र के तहत हुई है। रौशन कुमार सिन्हा ऑल इंडिया यूथ फेडशन के राष्ट्रीय और राज्य सचिव हैं। वे लगातार छात्र-युवाओं के सवालों को लेकर सड़कों पर संघर्ष करते रहे है। पाण्डेय ने कहा , हमारी पार्टी नक्सलपंथी राजनीति की विरोधी रही है। नक्सलियों ने पार्टी के कई साथियों की हत्या एवं अपहरण को अंजाम दिया है। अगर वह नक्सली होता तो हमारे ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन जैसे संगठन का राज्य सचिव नहीं बनाये जाते।

यह केवल रौशन कुमार सिन्हा के गिरफ्तार होने का मामला नहीं है। इससे साफ जाहिर होता है कि पुलिस प्रशासन किस तरीके से छात्र-नौजवान और आमजनों की आवाज उठाने वाले नेताओं – सामाजिक कार्यकर्त्ताओं को किस तरह से नक्सली बताकर उन्हें कमजोर करने की कोशिश करती है। पुलिस का यह आरोप भी पूरी तरह गलत है कि अग्निपथ योजना के खिलाफ हुए आन्दोलन में रौशन कुमार सिन्हा ने छात्रों को भड़काया था, जिस वजह से दो ट्रेन को आग के हवाले किया गया था। पुलिस का यह आरोप सरासर गलत और मनगढ़ंत है।

उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों में छात्र-नौजवानों के स्वतःस्फूर्त आन्दोलन हुए। विभिन्न पार्टी एवं छात्र-नौजवान सगठनों ने भी इस योजना के खिलाफ संघर्ष किया। ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन ने भी इस योजना के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आह्वान किया था। लेकिन राजनीतिक षड़यंत्र के तहत रौशन कुमार सिन्हा को फंसाया जा रहा है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी पुलिस की इस कार्रवाई की निन्दा करती है और रौशन कुमार सिन्हा को रिहा करने की मांग करती है।