स्टेट डेस्क/पटना : जदयू के पूर्व विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी विवादित बयान को लेकर अब सियासी बयानबाजी शुरू हो गयी है। बलियावी ने ने हजारीबाग की एक सभा में अमर्यादित बात कही थी। बलियावी के उस बयान पर सरकार की पार्टनर पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने कहा है कि बलियाली की भाषा आतंकी भाषा है। जिस तरह का बयान बलियावी ने दिया है, वह ठीक नहीं है।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल सभी धर्म – सभी वर्ग के लोगों का सम्मान करता है। महागठबंधन में जनता दल यूनाइटेड भी है। जनता दल यूनाइटेड के नेताओं ने बलियावी के बयान को देखा होगा, हम मानते हैं कि जेडीयू ऐसे बयानवीरों पर लगाम लगाने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि भाषाई आतंक किसी को भी नहीं फैलाना चाहिए। राजनेताओं को इस तरह का बयान देने से परहेज करना चाहिए। कोई भी सभ्य समाज और राजनीतिक दल ऐसे बयान का समर्थन नहीं कर सकता है। जेडीयू का नेतृत्व इस पूरे मामले पर जरूर संज्ञान लेगा।
आरजेडी का कहना है कि गुलाम रसूल बलियावी हजारीबाग में बोल रहे थे। उन्हें पता होना चाहिए कि वैसे बयान देने वालों पर भारतीय जनता पार्टी ने भी कार्रवाई की थी। फिर क्या कारण है कि उन्होंने इस तरह का बयान दिया? पार्टी को ऐसे बयान देने वाले लोगों पर नजर रखनी चाहिए। गुरुवार को गुलाम रसूल हजारीबाग के दौरे पर थे। इस दौरान एक सभा में उन्होंने बीजेपी से बर्खास्त नेता नुपूर शर्मा के खिलाफ जमकर आग उगला।
अपने भाषण में खूब भड़काऊ शब्दों का प्रयोग किया। जेडीयू नेता ने कहा कि अगर हमारे आका की इज्जत पर हाथ डाला तो शहरों को कर्बला बना दिया जाएगा। मौलाना ने सभा में मौजूद भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे जितनी गालियां देनी है दे दो, कोई फर्क नहीं पड़ता, हम बर्दाश्त कर लेंगे। लेकिन अगर हमारे आका हमारे रसूल की इज्जत पर हाथ डालोगे तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।