मधुबनी के सहारघाट थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर पटना सिविल कोर्ट में किया पेश जहां से भेज दिया गया जेल
जेल जाने के आदेश सुनाने के बाद फफ़क फफ़क कर रोने लगा बिल्डर रुक्मणी बिल्डटेक के निदेशक राजीव ठाकुर
फुलवारी शरीफ़, अजित : संपतचक प्रखंड अंतर्गत एकतापुरम भोगीपुर अवस्थित निर्माणाधीन छत्रपति शिवाजी ग्रींस के बिल्डर रुक्मणी बिल्डटेक के निदेशक राजीव कुमार ठाकुर को मधुबनी एस0 पी0 सुशील कुमार के निर्देश पर सहारघाट थाना ने भारत नेपाल-सीमा से गिरफ्तार कर लिया है. मधुबनी पुलिस के गिरफ्तारी से बचने के लिए राजीव कुमार ठाकुर नेपाल भागने ही वाला था लेकिन पुलिस के तत्परतापूर्ण कारवाई मे वह पकड़ा गया.
गिरफ्तारी के बाद साहरघाट थाना पुलिस ने पटना सिविल कोर्ट में पेश किया. जहाँ व्यवहार न्यायालय पटना एसीजेएम 13, माननीय नेहा कुमारी भलौतिया ने अभियुक्त को बेऊर जेल भेजने का आदेश जारी कर दिया.जेल भेजने के आदेश सुनते ही अभियुक्त राजीव कुमार ठाकुर अपने बड़े भाई मनोज कुमार ठाकुर से लिपटकर फफककर रोने लगा.
पटना व्यवहार न्यायालय के वरीय अधिवक्ता एवं पीड़ित पक्ष के कानूनी सलाहकार विजय भानू उर्फ पुटटु बाबू ने बताया कि रुक्मणी बिल्डटेक के निदेशको अजीत आजाद, रेणु आजाद, मानब कुमार सिंह, राजीव कुमार ठाकुर अमित कुमार चौबे, अशोक कुमार सिंह आदी पर विभिन्न न्यायालय मे दर्जनो मामले चल रहा है.
उन्होने आगे कहा के पीड़ित पक्ष ने अपने पुश्तनी जमीन पर अपार्टमेंट निर्माण के लिए 2012 मे ही रुक्मणी बिल्डटेक से पंजीकृत एकरारनामा किया था लेकिन एकरानामा मे तय समय एवं मानको पर बिल्डर ने अपार्टमेंट निर्माण पुरा नही किया. तत्पश्चात एकरारनामे के अनुसार बिल्डर द्वारा जुर्माने की राशि मे से कुछ रकम का चेक पीड़ित जमीन मालिक को दिया गया जो कि बाऊंस हो गया.
इसके बाद न्यायालय के द्वारा जारी सम्मन एवं जमानती वारंट का भी बिल्डर द्वारा सम्मान नही किया गया तब व्यवहार (न्यायालय पटना एसीजेएम 13) ने 7 अगस्त 2014 को रुक्मणी बिल्डटेक के 3 निदेशको अजीत आजाद, राजीव कुमार ठाकुर एवं मानब कुमार सिंह पर गिरफ्तारी का वारंट निर्गत कर मधुबनी एस पी एवं बांका एस पी को गिरफ्तारी का आदेश दिया था.
जैसा कि सर्वविदित है कि इसी मामले मे पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश माननीय संजय करोल के निर्देश पर आर्बिट्रेटर पूर्व न्यायाधीश वी एन सिंहा ने 22 करोड रुपये का जुर्माना भी रुक्मणी बिल्डटेक पर लगाया है.