प्रतिबद्ध कम्युनिष्ट व समर्पित सांस्कृतिक कार्यकर्त्ता थीं का. मीना राय

पटना

स्टेट डेस्क/पटना: जन सांस्कृतिक धारा की संगठक और समकालीन जनमत पत्रिका की प्रबंध संपादक तथा भाकपा-माले की बौद्धिक एक्टिविस्ट कॉमरेड मीना राय के आकस्मिक निधन पर जन संस्कृति मंच पटना इकाई की ओर से “ स्मृति-सभा” आयोजित की गयी.

कॉमरेड मीना राय की तस्वीर पर माल्यार्पण व एक मिनट की मौन श्रद्धांजलि के पश्चात् जसम पटना के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत जनगीत – कारवां चलता रहेगा … की प्रस्तुति के साथ स्मृति-सभा की शुरुआत की गयी.

शोक उदगार व्यक्त करते हुए भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने मीना राय के निधन को पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि आज के फासीवादी चुनौतियों के दौर में ‘समकालीन जनमत” जैसी जनपक्षधर-प्रगतिशील पत्रिका के नियमित प्रकाशन का दायित्व बखूबी निभाया. विशेषकर नयी पीढ़ी के अन्दर प्रगतिशील-लोकतान्त्रिक चेतना को बढ़ाने में अहम् भूमिका निभाई.

वरिष्ठ सामाजिक बुद्धिजीवी एवं लेखक व्यास जी ने उनसे जुड़े संस्मरणों को साझा करते हुए कहा, गांव से निकलकर आई एक सामान्य महिला से प्रखर वामपंथी बौद्धिक कार्यकर्त्ता बनकर उन्होंने मिशाल क़ायम की.

वरिष्ठ कम्युनिष्ट नेता (भाकपा माले) केडी यादव ने मीना राय को एक साधारण परिवेश से निकली हुई एक असाधारण व्यक्तित्व की आदर्श महिला कम्युनिस्ट बताया.

समकालीन जनमत संपादक मंडल के सदस्य व युवा साहित्यकार सुधीर सुमन ने मीना राय से जुड़े जनमत पत्रिका के संस्करणों को साझा करते हुए एक आत्मीय कम्युनिस्ट बौद्धिक एक्टिविस्ट बताया. 

‘फिलहाल’ पत्रिका की सम्पादक प्रीति सिन्हा ने कहा कि एक काया से जीवन के हर मोर्चे पर कष्टसाध्य श्रम करते हुए जनता के संघर्षों में डटी रहनेवाली बौद्धिक कार्यकर्त्ता रहीं मीना राय हम सबों के लिए एक प्रेरणा रहेंगी.

जाने माने नाटककार व लेखक ऋषिकेश सुलभ ने कहा कि उन्होंने जीवनपर्यंत कम्युनिस्ट विचारों से जुड़कर खुद को प्रातिबद्ध सांस्कृतिक- साहित्यिक व राजनितिक कार्यकर्त्ता के रूप में विकसित किया.

तलाश पत्रिका की संपादक मीरा दत्ता, एक्टिविस्ट रंगकर्मी मोना झा, वरिष्ठ शायर संजय कुमार कुंदन व प्रगतिशील लेखक संघ के अनीस अंकुर ने पटना में मीना राय की सांस्कृतिक-बौद्धिक सक्रियताओं की चर्चा की.
ऐपवा की राष्ट्रिय महासचिव मीना तिवारी ने मीना राय को व्यापक लोगों में प्रगतिशील विचारों को फ़ैलाने वाली प्रतिबद्ध व्यक्तित्व कहा. 

माले विधायक संदीप  सौरभ ने मीना राय से जुड़े जेएनयू छात्र जीवन के समय के संस्मरणों को साझा करते हुए कहा कि छात्र-युवाओं की अभिभावकतुल्य सहयोगी रहीं. 

स्मृति सभा को अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह, समकालीन लोकयुद्ध के संपादक संतोष सहर, ऐपवा की वरिष्ठ नेता सरोज चौबे व शशि यादव, जसम के राज्य अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार व जनाब ग़ालिब के अलावे, युवा शिक्षाविद पियूष, युवा मिडियाकर्मी प्रीति प्रभा, कोरस टीम की रिया समेत कई अन्य एक्टिविस्ट व संस्कृतिकर्मियों ने संबोधित किया.
साथ ही इप्टा के महासचिव तनवीर अख्तर, वरिष्ठ शिक्षाविद प्रो. संतोष कुमार, प्रो. भारती एस कुमार, वरिष्ठ लेखक संतोष दीक्षित व पीयूसीएल के सरफराज़ व जसम बिहार सचिव दीपक सिन्हा इत्यादि ने भी सक्रीय भागीदारी निभाई.

स्मृति सभा में मीना राय पर बनायी गयी डाक्युमेंटरी फिल्म भी दिखाई गयी. जसम पटना के राजेश कमल ने मीना राय के जीवन-वृत प्रपत्र को प्रस्तुत किया.

स्मृति सभा का संचालन अनिल अंशुमन ने किया तथा कार्यक्रम संयोजन में भाकपा माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य कॉमरेड अभ्युदय व कॉमरेड प्रकाश के अलावा जसम के प्रमोद यादव, शिल्पी रविन्द्र, अभिनव, राजन व रामकुमार इत्यादि शामिल रहे.