बिहार में औद्योगिक क्रांति की ओर कदम, 51 दिनों में 15 नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य

पटना

पटना, अशोक “अश्क” बिहार में औद्योगिक विकास को गति देने और निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए उद्योग विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है। अगले 51 दिनों में 15 नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए उद्योग विभाग ने विशेष कार्ययोजना तैयार की है, जिसके तहत निवेशकों को तेजी से मंजूरी दी जाएगी और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

google.com, pub-3161711413977012, DIRECT, f08c47fec0942fa0

दिसंबर 2024 में आयोजित बिहार बिजनेस कनेक्ट कार्यक्रम में राज्य को 1 लाख 81 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। यह अब तक का सबसे बड़ा निवेश प्रस्ताव है, जिसे धरातल पर उतारने के लिए उद्योग विभाग ने ठोस रणनीति तैयार कर ली है।

सरकार की प्राथमिकता है कि इन निवेश प्रस्तावों को जल्द से जल्द लागू किया जाए, जिससे राज्य में रोजगार के नए अवसर सृजित हों और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले। राज्य सरकार ने निवेशकों को तेजी से मंजूरी प्रक्रिया देने और वन-स्टॉप निवेश सहायता मुहैया कराने की व्यवस्था की है।

उद्योग विभाग इस पूरी प्रक्रिया की सख्त निगरानी कर रहा है ताकि निवेशकों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो। बिहार के पर्यटन एवं उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा बिजनेस कनेक्ट 2024 बिहार के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ है। राज्य ने इससे पहले कभी इतने बड़े निवेश समझौते नहीं देखे थे।

अब हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता इस निवेश को धरातल पर उतारना और औद्योगिक इकाइयों को शीघ्र क्रियान्वित करना है। हमने संकल्प लिया है कि अगले 50-51 दिनों में 15 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना का कार्य पूरा किया जाएगा। नीतीश मिश्रा ने आगे कहा कि उद्योग विभाग की टीम बिहार में निवेश करने के इच्छुक उद्यमियों से लगातार संपर्क में है।

निवेशकों की हर जरूरत को प्राथमिकता दी जा रही है, चाहे वह जमीन आवंटन का मामला हो या क्लीयरेंस प्रक्रिया। हम इस लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं कि बिहार में निवेश करने वाले किसी भी उद्यमी को किसी प्रकार की परेशानी न हो। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि बिहार अब एक नए औद्योगिक युग में प्रवेश कर रहा है।

सरकार के इस संकल्प को पूरा करने के लिए उद्योग विभाग लगातार निगरानी करेगा। निवेशकों को हैंड-होल्डिंग सहायता दी जाएगी और उनकी हर समस्या का समाधान किया जाएगा। उद्योग विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे निवेश से संबंधित कार्यों को तेजी से निपटाए और लालफीताशाही को रोका जाए।

इस निवेश से बिहार में हजारों युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा, राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और बिहार को औद्योगिक राज्य के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।

राज्य सरकार की इस पहल से यह साफ हो गया है कि बिहार अब कृषि आधारित अर्थव्यवस्था से आगे बढ़कर औद्योगिक विकास की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है। अगले कुछ वर्षों में राज्य को एक नए औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना पर काम किया जा रहा है। बिहार सरकार की इस रणनीति से प्रदेश में निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और भविष्य में राज्य में और अधिक निवेश आकर्षित किए जा सकेंगे।