अजब : जानिए बिहार के किस गांव में क्यों मिलता है एक रुपये में आठ लीटर दूध

पटना

Patna/Shivanand : बिहार में दूध की कीमत कामोबेस 40 से 50 रुपिए है लेकिन यहां तो ऐसा भी गांव है जहां दूध एक रूपये में 8 लीटर मिलता है। जानिए कहां ऐसा होता है और क्यों। सुपौल जिले के जड़िया थाना क्षेत्र की गुड़िया पंचायत में स्थापित होने के बाद से ही मृत्यु भोज के अवसर पर एक रुपये में आठ लीटर दूध देने की परंपरा आज भी कायम है, जब यह परंपरा शुरू हुई और किसने की, ग्रामीण इस मामले पर एकमत नहीं हैं, लेकिन आज भी पंचायत के अंदर इस परंपरा का सख्ती से पालन किया जा रहा है।

गुड़िया पंचायत के बारे में ग्रामीणों का कहना है कि यह पंचायत शुरू से ही बेहतर खेती और पशुपालन के लिए क्षेत्र में प्रसिद्ध है। यहां के 90 फीसदी लोग बेहतर तरीके से खेती करते हैं और आज भी यहां के लोग पशुपालन में काफी रुचि रखते हैं। यही कारण है कि यहां दूध का अधिक उत्पादन होता है। शायद यही कारण रहा होगा कि किसी समय आपसी सहमति से मृत्यु भोज में सामाजिक योगदान के लिए इस परंपरा को निभाया गया है और यह प्रथा दस लाठी का बोझ साबित हुई है।

इसलिए यहां के पशुपालकों को एक रुपए में आठ लीटर दूध देने पर रोक है। इसका इतनी सख्ती से पालन किया जाता है कि यदि मृत्यु भोज में किसी पशुपालन द्वारा दूध उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है या यदि कोई बहाना बनाया गया है, तो दावत के दौरान, उन्हें खाने-पीने की सभी चीजें उपलब्ध कराई जाती हैं, लेकिन समय पर उन्हें दही देकर कार्ड में एक रुपये का सिक्का डाल दिया जाता है। शर्म के डर से सभी लोग ईमानदारी से अपना योगदान देते हैं।

मुखिया वीणा देवी का कहना है कि इस प्रथा से न केवल पंचायत में भाईचारे का माहौल है, बल्कि गरीब से गरीब व्यक्ति को भी पंचायत के आयोजन में दूध की कमी महसूस नहीं होती है। सामाजिक कार्यकर्ता रणधीर यादव का कहना है कि यह परंपरा न सिर्फ सामाजिक सरोकार को बल दे रही है, बल्कि शोक संतप्त परिवार को समाज से कुछ आर्थिक मदद भी मिलती है।

बता दें कि गुड़िया पंचायत में पशुपालकों की संख्या दो हजार से ज्यादा है। करीब डेढ़ माह पूर्व पंचायत के वार्ड क्रमांक 08 निवासी ज्ञानी यादव की, 06 माह पूर्व पंचायत के लब्धी निवासी विशेश्वर यादव, वार्ड संख्या 02 निवासी कामेश्वर यादव की एक वर्ष पूर्व हुई मृत्यु, सुरेंद्र यादव की दो वर्ष पूर्व मृत्यु बहुत साल पहले। था। इन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए इस परंपरा को निभाते हुए एक रुपये में आठ लीटर दूध दिया गया।